मुजफ्फरनगर : तीन महीने से अधिक समय तक गिरफ्तारी से बचने के बाद मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक दंगों में कथित भूमिका को लेकर वांछित बसपा सांसद कादिर राणा ने आज यहां एक स्थानीय अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट केपी सिंह ने राणा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा. उनकी जमानत याचिका पर कल सुनवाई होगी. इससे पहले, अदालत ने राणा सहित 16 नेताओं के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था. इस साल सितंबर में मुजफ्फरनगर और इसके आस पास के क्षेत्रों में सांप्रदायिक झड़पों को भड़काने के आरोपी नेताओं में राणा शामिल है. इन झड़पों में 60 से अधिक लोग मारे गये थे जबकि 40 हजार से अधिक विस्थापित हुए थे.
जिले के कवाल गांव में 27 अगस्त को सांप्रदायिक विवाद के कारण तीन युवकों की मौत के बाद अधिकारियों द्वारा जनसभाओं पर पाबंदी लगाने के बावजूद 30 अगस्त को राणा ने शहर के खलापाड़ क्षेत्र में कथित रुप से भड़काउ भाषण दिया था जिसे लेकर उन पर मामला दर्ज हुआ था.
मुजफ्फरनगर से लोकसभा सांसद सात सितंबर से गायब थे. राणा वर्ष 2007 में समाजवादी पार्टी छोड़कर राष्ट्रीय लोकदल और वर्ष 2009 में बसपा में शामिल हुए थे. उनके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और लूटपाट सहित चार आपराधिक मामले दर्ज हैं.