लखनऊ:गरीबी से संघर्ष करते हुए 15 दिन पूर्व बिना इलाज के दुनिया से विदा लेने वाले इकौना विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे भगौती प्रसाद की अब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री वरूण गांधी को याद आयी है. सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को भगौती प्रसाद के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए उनके शोक संतप्त परिजनों के प्रति हार्दिक सहानुभूति व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने भगौती प्रसाद के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने की घोषणा की है. वही वरूण गांधी बुधवार को भगौती प्रसाद के परिजनों से मिलने उनके घर जा रहे हैं. इन नेताओं के अब भगौती प्रसाद की सुध लेने को विपक्षी दल राजनीति दांव बता रहे हैं.
भगौती प्रसाद का नाम सूबे की राजनीतिक में चर्चित नहीं है. वह ईमानदारी के साथ जीवन जीने में यकीन रखते हैं. राजनीतिक उठापटक उन्हें रास नहीं आती थी. हमेशा अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को दूर करने के प्रयास में लगे रहे. कभी भी अपने या अपने परिवार के लिए जमीन या मकान का जुगाड़ करने की कोशिश नहीं की. जीप या कार तक नहीं खरीदी क्योंकि इन्हें खरीदने के लिए उनके पैसा ही नहीं था. लखनऊ हो या दिल्ली वह हमेशा बस या रेल की यात्रा करके ही इन शहरों में पहुंचे. हालांकि वह दो बार इकौना विधानसभा से जनसंघ के टिकट पर चुनाव जीते पर कभी भी अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने की नहीं सोची. यही वजह रही कि चुनाव हारने के बाद उन्हें अपना परिवार चलाने के लिए चाय की दुकान खोलनी पड़ी. यह काम करने में उन्हें कोई संकोच नहीं हुआ.हालांकि उनके चाय की दुकान खोलने की जानकारी मिलने पर वर्ष 2006 में मुलायम सिंह यादव ने उन्हें एक लाख रुपए आर्थिक सहायता के रूप में मुहैया कराए थे.
ऐसे हमदर्द मुलायम से भगौती प्रसाद मरने के पूर्व मिलना चाहते थे पर पूर्व विधायक के पुत्र राधेश्याम गरीबी के चलते उनकी यह इच्छा भी पूरी नहीं करा सके. करते भी कैसे ? राधेश्याम के पास तो बीते मंगलवार को इतने भी पैसे नहीं थे कि वह अपने पिता का अन्तिम संस्कार की कर सके. जो पैसे थे वह उनके इलाज में खर्च हो गए. जिसके चलते गांव वालों ने चंदा कर भगौती प्रसाद का अन्तिम संस्कार किया.अब उनकी मौत के 15 दिन बाद सरकार और विपक्ष को ऐसे ईमानदार पूर्व विधायक की सुध आयी है. भाकपा के अशोक मिश्र कहते हैं कि भगौती प्रसाद की मौत के 15 दिन बाद सूबे केमुख्यमंत्री अखिलेश यादव और भाजपा के वरूण गांधी अपनी राजनीतिक छवि को सुधारने के लिए उनकी सुध ले रहे हैं. मुख्यमंत्री ने आज जो भगौती प्रसाद के निधन पर शोक जताया है और वरूण गांधी कल भगौती प्रसाद के घर जाकर जो शोक जताएंगे यह लोग वह 15 दिन पूर्व भी कर सकते थे. परन्तु नहीं किया और जैसे ही वरूण गांधी के भगौती प्रसाद के घर जाने का कार्यक्रम सरकार को पता चला. मुख्यमंत्री भी सक्रिय हो गए और देश शाम उन्होंने भगौती प्रसाद के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उनके परिवार को दस लाख रुपये आर्थिक सहायता के रूप में देने का ऐलान कर दिया.
।।राजेन्द्र कुमार।।