लखनऊ: ‘अनजाने में’ प्रधानमंत्री कार्यालय का ट्विटर हैंडल लेने वाले लखनउ निवासी नवयुवक कैसर अली को मलाल है कि उसकी एक भूल को लेकर इतना शोर मचाया गया जबकि मात्र साढे 17 साल की उम्र में सोशल नेटवर्किग साइट बनाने की उसकी उपलब्धि की कोई चर्चा नहीं की गयी.
अली ने कहा कि उसने गत मंगलवार को अपने ट्विटर अकाउंट को छोटा करने का निश्चय किया था. अचानक उसके जहन में ‘पीएमओ इंडिया’ का नाम आया और उसने इसके लिये ट्विटर पर आवेदन किया जिसकी ट्विटर ने मंजूरी भी दे दी थी. उसने सबसे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ट्वीट करके इस बारे में जानकारी दी थी.
प्रशासनिक अमले के हरकत में आने और अनजाने में बडी भूल कर बैठने का अंदाजा लगते ही अली ने इस सम्पूर्ण घटनाक्रम के आधे घंटे के अंदर ही इसके लिये ट्वीट करके फौरन माफी भी मांग ली. इसलिये उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी.अठारह वर्षीय अली का कहना है कि उसकी इस गलती को लेकर तो इतना हो-हल्ला हो गया लेकिन उसकी एक उपलब्धि पर किसी ने ध्यान नहीं दिया जिसका उसे अफसोस है.
इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे अली ने कहा कि मार्क जुकरबर्ग ने 20 साल की उम्र में ‘फेसबुक’ नामक सोशल नेटवर्किग वेबसाइट बनाकर दुनिया का ध्यान खींचा था लेकिन उसने मात्र साढे 17 साल की उम्र में ‘पिक्सटर’ नाम से सोशल नेटवर्किग वेबसाइट बनायी थी, मगर तब किसी अखबार ने एक लाइन तक नहीं छापी थी. दुनिया में पिक्सटर के करीब 15 हजार उपयोगकर्ता हैं. ली का कहना है कि ‘पिक्सटर’ को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई, जबकि पीएमओ हैंडल मामले को लेकर मीडिया के रोजाना दर्जनों बार फोन आ रहे हैं.