चार विप सीटों पर उपचुनाव कार्यक्रम जारी
सपा के छह, बसपा के एक पार्षद ने छोड़ा था पद
नयी दिल्ली : जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा के कारण यूपी योगी सरकार के समक्ष एक ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो गयी है, जिसका हल नहीं निकाले जाने की स्थिति में किसी एक मंत्री को कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है, जो विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य नहीं है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं दिनेश शर्मा, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वतंत्र देव सिंह एवं राज्य मंत्री मोहसिन रजा इस समय किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं.
हाल ही में प्रदेश विधान परिषद की सात सीटें खाली हुई थीं, लेकिन आयोग ने चार सीटों पर ही उपचुनाव का कार्यक्रम जारी किया है. तीन सीटों पर उपचुनाव नहीं हो रहा है, उनका कार्यकाल एक साल से कम बचा है. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 151 के अनुसार किसी भी सीट पर रिक्त होने की तारीख से छह महीने के अंदर उपचुनाव कराया जायेगा. लेकिन यदि किसी सदस्य का शेष कार्यकाल एक वर्ष से कम है, तो उन पर उपचुनाव नहीं कराया जा सकता.
बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह, डॉ सरोजनी अग्रवाल और डॉ अशोक वाजपेयी की सीटों पर होगा चुनाव
चुनाव आयोग ने सपा के एमएलसी बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह, डॉ सरोजनी अग्रवाल और डॉ अशोक बाजपेयी के विधान परिषद से इस्तीफे के बाद चार सीटों पर उपचुनाव कराने का कार्यक्रम निर्धारित किया है. परिषद से इस्तीफा देने वाले ठाकुर जयवीर सिंह और अंबिका चौधरी का कार्यकाल अगले साल 18 मई तक ही बचा हुआ था. इसके अलावा विधान परिषद की एक और सीट समाजवादी पार्टी के एमएलसी रहे बनवारी सिंह यादव का निधन मार्च 2017 में हो जाने के कारण खाली हुई है. इन सीटों पर कार्यकाल एक साल से कम का ही बचा है.
18 तक सदस्यता लेना जरूरी
मुख्यमंत्री सहित इन मंत्रियों को 18 सितंबर 2017 तक किसी एक सदन की सदस्यता लेना अनिवार्य होगा.
भाजपा के पास विकल्प
भाजपा के पास जो विकल्प हैं, उनमें किसी एमएलसी का इस्तीफा हो अथवा किसी एक मंत्री को मंत्री पद से इस्तीफा दिलाकर उसे संगठन में समायोजित किया जाये.