।।राजेन्द्र कुमार।।
लखनऊ. समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के लिए देश और प्रदेश की जनता को फिर नए सपने दिखाए हैं. बीते विधानसभा चुनावों में जिस तरह से मुलायम ने बेरोजगारी भत्ता और लैपटाप देने का वायदा कर यूपी की सत्ता हासिल की, ठीक उसी तर्ज पर उन्होंने पार्टी का घोषणा पत्र जारी करते हुए वायदा किया कि केंद्र की सत्ता पर काबिज होने पर सपा लोगों को मुफ्त शिक्षा और इलाज मुहैया कराएगी. सपा प्रमुख नेसूबे की 65 हजार एकड उसर बंजर भूमि को कृषि योग्य बनाने वाले किसानों को यह भूमि देने तथा यूपी के 20 फीसदी सवर्ण वोटबैंक को लुभाने के लिए सवर्ण आयोग बनाए जाने की भी घोषणा की है.
यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित भव्य समारोह में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके तमाम मंत्रियों की मौजूदगी में पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र जारी किया. सपा के 24 पेज के इस घोषणा पत्र में किसानों, अल्पसंख्यकों, बेरोजगारों, पिछड़ों और व्यापारियों लिए भी दरियादिली दिखाई. विदेश नीति को बेहतर बनाने तथा नक्सली समस्या पर अंकुश लगाने को लेकर भी पार्टी के मत को प्रकट किया गया है. मंहगाई पर रोक लगाने और मनरेगा एवं पुष्टाहार योजना के भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सत्ता में आने पर सपा ने कठोर कदम उठाने का वायदा घोषणा पत्र में किया है. मुलायम ने यह वायदा भी किया है कि सपा सत्ता में आने के बाद किसानों और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देगी. देश की ऊसर, बंजर एवं परती जमीन को खेती योग्य बनाने के लिए सिंचाई के साधनों की व्यवस्था होगी और नदियों को जोड़कर एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में पानी उपलब्ध कराया जायेगा.
इस अवसर पर सपा के रणनीतिकार प्रो. रामगोपाल ने मुफ्त शिक्षा और इलाज को लेकर किए गए वायदे को लेकर कहा कि शिक्षा पर बजट का कम से कम सात प्रतिशत और स्वास्थ्य पर छह प्रतिशत खर्च करने का प्राविधान कर पार्टी इन वायदों को पूरा करेगी. ठीक वैसे ही जैसे लैपटाप योजना को पूरा किया गया. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी के घोषणा पत्र पर कोई टिप्पणी नहीं की पर आजम खां ने दावा किया कि देश और प्रदेश की जनता को सपा का घोषणा पत्र पसंद आएगा क्योकि इसमें सभी वर्गों के लोगों के हितों का ध्यान रखकर वायदे किए गए हैं. जिन्हें सरकार में आने पर पूरा किया जाएगा.
चुनाव घोषणा पत्र के महत्वपूर्ण बिन्दु
* कानूनों के दुरुपयोग पर रोक लगाएंगे.
* निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू किया जाएगा.
* सरकारी कर्मचारियों, हाईकोर्ट और लोअर कोर्ट के जजों, शिक्षण संस्थाओं के अध्यापकों तथा कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर 65 वर्ष की जाएगी.
* किसानों की उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए गठित होने वाले आयोग में पचास फीसद सदस्य किसान होंगे. उपज का न्यूनतम मूल्य तय करते समय इस बात का ध्यान दिया जाएगा कि लागत मूल्य से डेढ़ गुना राशि तय हो.
* बैंक या महाजन से कर्ज लेने पर जमीन नीलाम नहीं होगी और मूलधन से ज्यादा ब्याज वसूल नहीं होगा.
* कामधेनु डेरी योजना का विस्तार होगा
* भूमि सेना का गठन किया जाएगा. इसके जरिए ऊसर और बंजरभूमि को कृषि योग्य बनाया जाएगा.
* आपदा में नष्ट हुई फसल की क्षतिपूर्ति योजना होगी लागू.
* देश में पिछड़ा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति आयोग और अल्पंसख्यक आदि आयोगों की तरह ही ऊंची जाति के पीड़ित और शोषितों के हितों के लिए सवर्ण आयोग का गठन किया जाएगा.
* मुसलमानों को उनकी आबादी के अनुपात में नौकरियों में आरक्षण के लिए सत्ता में आने पर संविधान संशोधन.
* जेलों में बंद आतंकवाद के आरोप में बेकसूर मुसलमानों की रिहाई.
* परंपरागत हुनर को बढ़ावा देने को बैंकों से ऋण की व्यवस्था और छोटे उद्योग के लिए विशेष आर्थिक जोन.
* आयकर दाता व्यापारियों का दस लाख का बीमा और आयकर की छूट डेढ़ लाख से बढ़ाकर ढाई लाख.
* महंगाई, फिजूलखची और भ्रष्टाचार रोकने के लिए दाम बांधों नीति पर जोर.
* सबसे कमजोर पिछड़ी 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का वादा.
*दलित इसाई और दलित मुसलमानों को अनुसूचित जाति का दर्जा प्रदान करने की घोषणा.
* पूर्वांचल और बुन्देलखंड को विशेष दर्जा देते हुए विशेष बजट का प्रावधान करने का एलान.
* अधिवक्ताओं को 70 वर्ष की आयु के बाद पेंशन की व्यवस्था और पूर्व में मृत्यु होने पर पांच लाख का बीमा.