लिखित समझौते के बाद ही राजाबेड़ा में खोलने देंगे खदान
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पूर्व सीएम मधु कोड़ा के साथ बैठक में ग्रामीणों ने लिया निर्णय
लिखित समझौते के बाद ही राजाबेड़ा में खोलने देंगे खदान खदान प्रबंधन लिखित नहीं देगा, तो छह को ग्रामसभा नहीं होने देंगे किरीबुरु : राजाबेड़ा स्थित जैन खदान प्रबंधन पहले गांव में आकर ग्रामीणों से लिखित समझौता करे. राजाबेड़ा के रैयतों को जमीन के बदले मुआवजा राशि, नौकरी, ट्रांसपोर्टिंग, ड्राइविंग आदि की समुचित व्यवस्था खदान […]
खदान प्रबंधन लिखित नहीं देगा, तो छह को ग्रामसभा नहीं होने देंगे
किरीबुरु : राजाबेड़ा स्थित जैन खदान प्रबंधन पहले गांव में आकर ग्रामीणों से लिखित समझौता करे. राजाबेड़ा के रैयतों को जमीन के बदले मुआवजा राशि, नौकरी, ट्रांसपोर्टिंग, ड्राइविंग आदि की समुचित व्यवस्था खदान प्रबंधन करे. इसके बाद ही जैन खदान प्रबंधन के साथ ग्रामसभा होगी. उक्त बातें पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने मंगलवार को राजाबेड़ा के ग्रामीणों के साथ हुई बैठक में कहीं. पूर्व सीएम ने कहा मजदूरों को पीएफ का पैसा नहीं दिया गया. विकास कार्य नहीं हुए. गांव के पांडु चाम्पिया, चुम्बरु, दासो, टुपरा, सुनील, जुरा, जोमलो, सेरगिया, लौकन, सुनिया चाम्पिया आदि ने बताया कि कंपनी ने हमारी रैयत भूमि अयस्क खनन के लिए ली. जबकि मुआवजा के तौर पर सिर्फ 27-60 हजार रुपये दिये गये. खदान में पत्थर तोड़ने का काम मिला है. पीएफ का पैसा नहीं मिला.
लिखित समझौता के बाद ही ग्रामसभा होगी और खदान खोली जायेगी. राजाबेड़ा खदान में 41.639 हेक्टेयर भूमि पर खनन के लिए छोटानागरा में छह जनवरी को ग्रामसभा होनी है. इस भूभाग में दर्जनों एकड़ जमीन ग्रामीण रैयत भूमि है. इसपर वर्ष 1991-1997 और 2003-2011 के बीच खदान प्रबंधन ने लौह अयस्क निकालने का कार्य किया था. बैठक में मुंडा जामदेव चाम्पिया, कानूराम देवगम, विनोद बारीक, रामा पांडेय, बामिया माझी, जुरा चाम्पिया, राजेश साण्डिल, मुगा चाम्पिया, देवेन देवगम आदि उपस्थित थे.
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