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वार्ड में नहीं गये डॉक्टर

मरीज परेशान . जिलेभर के 70 चिकित्सक रहे हड़ताल पर ओपीडी में डॉक्टरों के नहीं रहने से मरीज हुए परेशान सदर अस्पताल में दूर-दराज से आये मरीज बिना इलाज के लौटे गंभीर और जरूरी मरीजों का इमरजेंसी में हुआ इलाज चाईबासा : मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर जिले भर के चिकित्सक सोमवार को […]

मरीज परेशान . जिलेभर के 70 चिकित्सक रहे हड़ताल पर

ओपीडी में डॉक्टरों के नहीं रहने से मरीज हुए परेशान
सदर अस्पताल में दूर-दराज से आये मरीज बिना इलाज के लौटे
गंभीर और जरूरी मरीजों का इमरजेंसी में हुआ इलाज
चाईबासा : मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर जिले भर के चिकित्सक सोमवार को हड़ताल पर रहे. सदर अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों को लेकर जिले भर में 70 डॉक्टर हड़ताल पर रहे. डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने से सदर अस्पताल समेत अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी सेवा बाधित रही. इससे सदर अस्पताल के ओपीडी में इलाज कराने आये मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. ओपीडी आकर मरीज डॉक्टरों को खोज रहे थे.
तब, वहां मौजूद लोगों ने डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने की जानकारी दी. इससे दूर-दराज से आये मरीज काफी निराश हुए. सदर अस्पताल में इमरजेंसी सेवा बहाल की गयी थी. यहां गंभीर तथा जरूरी मरीजों का इलाज किया गया.
प्रसूता वार्ड से पांच महिलाएं डिस्चार्ज, एक भर्ती: प्रसूता वार्ड में इमरजेंसी सेवा बहाल की गयी थी. हड़ताल के दिन कुल पांच प्रसूताओं को डिस्चार्ज किया गया. एक प्रसूता महिला को भर्ती किया गया. 13 मई को 11 प्रसूता महिलाओं को भर्ती किया गया था. जिसमें, नौ की डिलीवरी हुई. वहीं 14 मई को कुल 17 प्रसूताओं को भर्ती किया गया. 14 की डिलिवरी करायी.
इमरजेंसी में दो बजे तक हुआ मात्र 29 मरीजों का इलाज. हड़ताल के कारण बनाये गये इमरजेंसी में दो बजे तक 29 मरीजों का इलाज हुआ. गंभीर रूप से मलेरिया से पीड़ित एसीसी झींकपानी कॉलोनी निवासी रामाय हेस्सा को सदर अस्पताल में भर्ती किया गया.
ओपीडी में लटका रहा ताला, डॉक्टर रहे गायब
ओपीडी में डॉक्टर नहीं रहे. दंत व आंख विभाग में भी डॉक्टर नदारद रहे. महिला वार्ड, जनरल वार्ड में डॉक्टर राउंड लगाने नहीं गये. सभी वार्डों में एएनएम ने मरीजों को जरूरी दवाई दी. अन्य चिकित्सकीय परामर्श दिया. महिला वार्ड में मरीजों ने बताया कि डॉक्टर एक बार भी नहीं आये. एएनएम ने बताया कि चिकित्सक हड़ताल पर हैं.
सिर्फ वार्ड में भर्ती मरीजों का हुआ ब्लड टेस्ट
सिर्फ वार्ड में भर्ती मरीजों का ब्लड टेस्ट किया गया. हड़ताल के दिन 16 व 13 मई को 24 व 14 को 30 मरीजों का ब्लड टेस्ट व अन्य जांच की गयी.
जगन्नाथपुर अस्पताल में भी परेशान रहे मरीज जगन्नाथपुर. हड़ताल से जगन्नाथपुर अनुमंडल अस्पताल ओपीडी सेवा बाधित रही. दूर-दराज से आये मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इलाज के लिए मरीजों को निजी क्लीनिक में भटकना पड़ा.
नोवामुंडी: नर्सों ने संभाला काम
नोवामुंडी. नोवामुंडी प्रखंड के सरकारी डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से मरीज परेशान दिखे. हालांकि हेड नर्सों ने कमान संभाल रखा था. सरकारी केंद्रों में सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम समेत मौसमी बीमारी के ही अधिकतर मरीज पहुंचे थे.
डॉक्टरों ने सामने आकर नहीं किया विरोध
पश्चिमी सिंहभूम के डॉक्टरों ने सामने आकर विरोध नहीं किया. सिर्फ ओपीडी नहीं जाकर चिकित्सा सेवा बाधित की. किसी के खिलाफ डॉक्टरों ने कोई नारेबाजी नहीं की. हड़ताल पर रहे चिकित्सकों ने बताया कि वे चिकित्सक संघ के राज्य इकाई के आह्वान पर हड़ताल पर हैं.
मेडिकल प्रोक्टेशन एक्ट
मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत अगर कोई भी व्यक्ति डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ से मारपीट, दुर्व्यवहार और अस्पताल में तोड़फोड़ करता है तो यह अपराध की श्रेणी में आयेगा और उस पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
दवा वितरण केंद्र से 14 लोगों को दी गयी दवा
दवा वितरण केंद्र से दोपहर दो बजे तक 14 लोगों को सर्दी-बुखार, खांसी की दवा दी गयी. इमरजेंसी में इलाज कराने आये मरीजों को एक दिन की दवा दी गयी. अगले दिन की दवा मंगलवार को देने को कहा गया.
रोज ओपीडी में इलाज को आने वाले की संख्या
बेटी रिया लोहार के इलाज के लिए पुरना मनोहरपुर से आयी हूं. बेटी के पैर में बीमारी हो गयी है. मनोहपुर स्वास्थ्य के डॉक्टर ने सदर अस्पताल रेफर किया था. यहां आकर पता चला कि डॉक्टर हड़ताल पर हैं. अब बिना इलाज कराये ही बेटी को लेकर घर वापस जा रही हूं. अब किसी और दिन बेटी को लाऊंगी.
द्रौपदी लोहार, निवासी पुरना, मनोहरपुर

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