मुसाबनी : बुधवार को मुसाबनी के गिरिशडांगा में सिलिकोसिस पीड़िता लक्ष्मी पातर (41) की मौत हो गयी. वह पिछले चार वर्ष से बीमार थी. आर्थिक तंगी के कारण इलाज सही ढंग से नहीं पा रहा था.
लक्ष्मी के पुत्र शिवा पातर के मुताबिक उसकी मां तेरेंगा के एक सफेद पत्थर के क्रशर में 10 वर्षों तक मजदूरी की थी. इसके बाद वह बीमार पड़ गयी. सिलिकोसिस से पीड़िता का इलाज कुछ माह पूर्व एमजीएम में कराया गया था. इसके बाद घाटशिला के निजी नर्सिंग होम में भी कुछ दिनों तक इलाज चला.
आर्थिक परेशानी से उसका इलाज लंबे समय तक नहीं हो पाया. वह घर पर ही पड़ी थी. मृतका का पति बुधु पातर विकलांग है. बेटा शिक्षा पातर मजदूरी करता है.
बेटी किरण पातर आर्थिक तंगी और मां की बीमारी के कारण पांचवीं के बाद पढ़ाई छोड़ चुकी है. सिलिकोसिस से अब तक तीन दर्जन से अधिक लोगों की मौत चुकी है. गौरतलब है कि स्वयंसेवी संस्था ओसाज के प्रयास के बाद सरकार की ओर से प्रखंड में सिलिकोसिस से मारे गये 24 परिवारों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा भुगतान किया गया है.