नोवामुंडी : रंगमंच पर आवाजों की दुनिया में धूम मचानेवाले लौहांचल के सुर सम्राट संजय नाग उर्फ हुडिंग समस्याओं के थपेड़े में उलझ कर मुफलिसी की जिंदगी बसर करने को विवश हैं. उन्होंने 8वीं वर्ग तक शिक्षा ग्रहण की है. हजारों खर्च कर ऑर्केस्ट्रा टीम नोवामुंडी में लायी जाती थी. लेकिन जब तक हुड़िंग के गाने नहीं सुन लेते श्रोताओं को मजा नहीं आता था.
श्रोता नोटों की बारिश कर देते थे. अब आलम यह है कि बेंच पर बैठ कर छोटे होटलों में सुरीली आवाज में हिट गाने से श्रोताओं को संगीत की दुनिया में गोता लगाने को बाध्य करते हैं. बेंच टेबल ही हुड़िंग का वाद्य यंत्र होता है. पांच दस रुपये खुश होकर श्रोता दे देते हैं. इसी से भूख मिटा रहा हैं हुड़िंग. किशोर, मो. रफी, बापी लहरी व मुकेश के सुपर हिट गानों की सुर ताल हुड़िंग नामक गायक से सुन कर श्रोता दीवाने बन झूमने लगते हैं.