हाथियों ने कई घरों को उजाड़ा, ग्रामीण परेशान
सिमडेगा/ठेइर्ठटांगर : हाथी समस्या से निजात दिलाने की मांग को लेकर तीन फरवरी को सुबह सात बजे से चल रहे रोड जाम को मंगलवार 12 बजे के करीब हटा लिया गया. पिछले कई दिनों से क्षेत्र में जंगली हाथी के झुंड ने काफी संख्या में ग्रामीणों के घर को ध्वस्त किया तथा अनाज को भी बरबाद कर दिया.
रोड जाम को वन विभाग द्वारा प्रभावितों को मुआवजा की राशि देने के बाद हटाया गया. लगातार जाम के कारण लोगों को जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था. मामले को झापा के लोगों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक भी पहुंचाया. मुख्यमंत्री स्तर पर बात पहुंचाने के बाद विन विभाग हरकत में आया.
वन विभाग के प्रादेशिक अंचल गुमला नव संरक्षक नागेंद्र प्रसाद, सहायक नव संरक्षक अजय कुमार, अजीत कुमार मिंज, वन क्षेत्र पदाधिकारी गौर कुमार सिंह, विनोद उरांव, वन कर्मी गुप्तेश्वर राम, रामनंदन राम, बिहारी राम, अनिरूद्ध राय, ईश्वर मिंज, अजरुन नायक मंगलवार को जाम स्थल पर हाथी से प्रभावित लोगों की सूची बनायी गयी. जाम स्थल पर ही प्रभावित लोगों को सहायता राशि प्रदान किया गया.
हाथी से प्रभावित कुल 100 लोगों को मुआवजा के रूप में 5 लाख 32 हजार 260 रुपये का भुगतान किया गया. एनोस एक्का के नेतृत्व में जाम किया गया था.
यहां पर मुख्य रूप से मतियस बागे, ललन प्रसाद, असफाक आलम, ललित समद, बाबूराम लकड़ा, सुरेशन तिर्की, अमरेन समद, भोला दास, विरेंद्र तिवारी, सुहैन टेटे, पौलूस बागे, मो मुख्तार के अलावा काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे. जाम स्थल पर मुख्य रूप से एसडीओ स्मिता टोप्पो, एसडीपीओ पीतांबर सिंह खेरवार के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे.
क्या थी मांग
एनोस एक्का ने अपने बयान में कहा था कि क्षेत्र से जब तक जंगली हाथियों को नहीं भगाया जाता है व प्रभावित लोगों को मुआवजा नहीं दिया जाता है, तब तक रोड जाम रहेगा. एनोस एक्का ने कहा कि जिले में हाथी भगाने वाली टीम रहे. पूर्व में हाथी द्वारा किये गये नुकसान का आकलन पर शीघ्र मुआवजा मिले.
श्री एक्का ने कहा कि हाथी द्वारा ध्वस्त किये गये घर के बदले प्रभावित लोगों को 35 हजार रुपये मिलेंगे.