कोलेबिरा. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोलेबिरा में सिविल सर्जन डॉ बेनेदिक मिंज की अध्यक्षता में एंथ्रेक्स को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. विदित हो कि लगभग एक माह पूर्व एंथ्रेक्स बीमारी के कारण प्रखंड के बंदरचुआं मंे दो ग्रामीणांे की मौत हो गयी थी तथा कई लोग इससे पीडि़त हो गये थे. हालांकी जांच रिपोर्ट में अभी तक ये बात सामने नहीं आयी है कि एंथ्रेक्स से ही दोनों की मौत हुई थी. मामले की जांच के लिये दिल्ली से आये इआइएस डॉ वलेन ने कार्यशाला में उपस्थित लोगांे को एंथ्रेक्स के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्हांेने बताया कि एंथ्रेक्स मूलत: मरे हुए जानवरांे को आहार बनाने से होता है. इस बीमारी में शरीर में जगह-जगह लाल दाग एवं फोड़े हो जाते हैं. समय से इलाज नहीं मिलने के कारण रोगी की कुछ ही दिनों में मृत्यु हो जाती है. उन्हांेने बीमारी से बचने के उपाय भी बताये. कार्यशाला में बीमारी की दवा, परहेज, मरे हुए जानवरों का क्या करना चाहिए आदि पर चर्चा की गयी. मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रतनलाल मुंडा, आइडीएसपी डॉ शरण, कार्यक्रम पदाधिकारी शिशिर रॉय, डीपीसी डॉ हाकिम प्रधान, संजीत डांग, विकास कुमार साहू, डॉ विशाल कुमार, डॉ परमानंद बिरूआ, रेणु कुमारी, करिश्मा बड़ाइक, डॉ राकेश कुमार, बिरेन सांगा और उर्मिला कुमारी आदि उपस्थित थे.
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एंथे्रक्स को लेकर कार्यशाला
कोलेबिरा. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोलेबिरा में सिविल सर्जन डॉ बेनेदिक मिंज की अध्यक्षता में एंथ्रेक्स को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. विदित हो कि लगभग एक माह पूर्व एंथ्रेक्स बीमारी के कारण प्रखंड के बंदरचुआं मंे दो ग्रामीणांे की मौत हो गयी थी तथा कई लोग इससे पीडि़त हो गये थे. हालांकी […]
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