बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने की. बताया गया कि इस वर्ष दिसंबर तक जिले को पूर्ण रूप से खुले में शौच से मुक्त करना है. बीआरपी, सीआरपी, शिक्षक, शिक्षिकाएं इसमें स्वच्छता दूत के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. उपायुक्त ने कहा कि लोगों की सोंच बदलने की जरूरत है, तभी स्वच्छ सामाज का निर्माण होगा.
यूनिसेफ वास हेड झारखंड प्रेमचंद ने बीआरसी, सीआरपी को पीपीटी के माध्यम से विस्तार पूर्वक शौचालय क्यूं जरूरी है तथा इसके महत्व के बारे में बताया. बीआरसी, सीआरपी को भी स्वच्छ भारत मिशन के तहत कार्य करने की जानकारी दी. बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, बीआरसी, सीआरपी व यूनिसेफ टीम के अलावा अन्य लोग उपस्थित थे.