सरायकेला. जिले में दम तोड़ रही है देसी चिकित्सा व्यवस्था
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चिकित्सकों का टोटा, 21 में से 11 देसी चिकित्सा केंद्रों पर ताला
सरायकेला. जिले में दम तोड़ रही है देसी चिकित्सा व्यवस्था सरायकेला : सरायकेला-खरसावां जिले में देसी चिकित्सा व्यवस्था की दयनीय स्थिति है. सरकारी उपेक्षा के कारण जिले के विभिन्न क्षेत्रों में खोले गये अधिकांश आयुर्वेदिक समेत होम्योपैथी एवं यूनानी चिकित्सा केंद्र बंद हैं. इसका मुख्य कारण चिकित्सकों व कर्मियों का अभाव है. खासकर ग्रामीण क्षेत्र […]
सरायकेला : सरायकेला-खरसावां जिले में देसी चिकित्सा व्यवस्था की दयनीय स्थिति है. सरकारी उपेक्षा के कारण जिले के विभिन्न क्षेत्रों में खोले गये अधिकांश आयुर्वेदिक समेत होम्योपैथी एवं यूनानी चिकित्सा केंद्र बंद हैं. इसका मुख्य कारण चिकित्सकों व कर्मियों का अभाव है. खासकर ग्रामीण क्षेत्र के कई केंद्र चिकित्सक के अभाव में बंद हैं या मिश्रक या चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के भरोसे चल रही हैं. जानकारी अनुसार गौरतलब है कि जिले में सरकारी स्तर से आयुर्वेद के 14, यूनानी के दो एवं होम्योपैथी के पांच केंद्र संचालित है.
आंकड़ों पर गौर करें, तो जिला संयुक्त औषधालय में अधिकांश केंद्रों में चिकित्सक नहीं है. 21 केंद्रों के अनुपात में सिर्फ 10 केंद्रों पर चिकित्सक हैं. जबकि 11 केंद्र चिकित्सक विहीन हैं. यही स्थिति मिश्रक व चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की भी है. कई केंद्र में मिश्रक व आदेशपालक का अभाव है. संयुक्त औषधालय केंद्र में कुल 13 पद स्वीकृत हैं, जिसमें सात ही कार्यरत हैं. जिला संयुक्त औषधालय पदाधिकारी पर डॉ कयामुद्धीन अहमद हैं. जबकि आयुर्वेदिक चिकित्सक विपिन चंद्र गुप्ता, होम्योपैथी चिकित्सक विनय चंद्र मांझी पदस्थापित हैं. वहीं यूनानी चिकित्सक का पद रिक्त पड़ा हुआ है. भंडारपाल, होमीयो मिश्रक, आदेश पाल व रात्रि प्रहरी में एक-एक कार्यरत हैं. बाकि पद रिक्त पड़े हैं.
ये केंद्र हैं चिकित्सक विहीन
जिले में राजकीय आयुष औषधालय ईचा, राजकीया आयुष औषधालय तिरूलडीह, राजकीय आयुष औषधालय नीमडीह, राजकीय आयुष औषधालय दलभंगा, राजकीय आयुष औषधालय जोरडीहा, राजकीय आयुष औषधालय रायडीह, राजकीय आयुष औषधालय बुरूडीह(नीमडीह), राजकीय आयुष औषधालय बुरूडीह(खरसावां), राजकीय आयुष औषधालय रंगपुर, राजकीय आयुष औषधालय सरायकेला के पद रिक्त पड़े हैं. इसी तरह होम्योपैथी पद्धति में राजकीय होम्यो औषधालय राजनगर, राजकीय होम्यो औषधालय जानुम, राजकीय होम्यो औषधालय ईचागढ़ एवं यूनानी पद्धति में राजकीय यूनानी औषधालय गम्हरिया व राजकीय यूनानी औषधालय आदित्यपुर में चिकित्सक के पद रिक्त पड़े हैं.
झोला छाप चिकित्सक उठा रहे फायदा
देसी चिकित्सा पद्धति के विभिन्न केंद्रों के बंद रहने से जिले के लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. खास कर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इससे सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं. ग्रामीण इन केंद्रों के बंद होने से झोला छाप डॉक्टरों के चंगुल में फंस रहे हैं. वहीं झोला छाप चिकित्सक भी इसका भरपुर लाभ उठा रहे हैं.
चिकित्सकों के रिक्त पड़े पदों को लेकर विभाग से पत्राचार किया गया है. साथ ही चिकित्सकों के अभाव में केंद्र की स्थिति से भी अवगत कराया गया है.
विनय चंद्र मांझी, चिकित्सा पदाधिकारी सरायकेला
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