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असर्वेक्षित जमीन की दाखिल-खारिज प्रक्रिया शुरू की जाये

प्रभात संवाद- उधवा के दियारा क्षेत्र के लोगों ने सुनायी परेशानी, रखी मांग

प्रभात संवाद- उधवा के दियारा क्षेत्र के लोगों ने सुनायी परेशानी, रखी मांग प्रतिनिधि, उधवा उधवा प्रखंड के दियारा क्षेत्रों की सबसे बड़ी समस्या उनकी जमीनों का सर्वे, बंद की गई ऑफलाइन लगान रसीद, दाखिल-खारिज को पुनः चालू कराना और जमीन का मालिकाना हक दिलाना है. इन्हीं जायज़ मांगों को लेकर रविवार को पियारपुर बाजार में प्रभात संवाद का आयोजन किया गया. ग्रामीणों ने बताया कि उधवा अंचल के कुल 110 मौजा में से गंगा किनारे सटे 20 मौजा अब तक अनसर्वेक्षित हैं. राजमहल विधानसभा के तीनों अंचल उधवा, राजमहल और साहेबगंज में अनसर्वेक्षित जमीन का मामला एक गंभीर समस्या बन चुका है. यहां रहने वाले लोग अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. प्रभात संवाद में जनप्रतिनिधि, ग्रामीण, शिक्षक, समाजसेवी सहित कई लोगों ने भाग लिया. चर्चा के दौरान स्थानीय लोगों ने कहा कि वे पुश्त-दर-पुश्त इस जमीन पर बसे हुए हैं, लेकिन अब तक उन्हें इसका मालिकाना हक नहीं मिला है. यहां दो सौ वर्षों से अधिक समय से निवास करने के प्रमाण मौजूद हैं, फिर भी मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा है. इसका असर उनके कई ज़रूरी कार्यों पर पड़ रहा है और वे अनेक समस्याओं का सामना कर रहे हैं. अनसर्वेक्षित जमीन का मामला यहां के निवासियों और इस भूमि पर खेती करने वाले लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. संवाद के दौरान यह प्रस्ताव रखा गया कि सरकार को जमीन का भौतिक सत्यापन करने के लिए एक सर्वे टीम भेजनी चाहिए, ताकि इस समस्या का समाधान हो सके. इस संवाद का संचालन उधवा के प्रतिनिधि मो. इरशाद ने किया, जिन्होंने विषय की भूमिका प्रस्तुत की और अंत में धन्यवाद ज्ञापन भी किया. क्या कहते हैं लोग फोटाे नं 02 एसबीजी 23 है कैप्सन – रविवार को साहिदुल रहमान प्रखंड की 12 पंचायतों के लोग अनसर्वे जमीन की समस्या झेल रहे हैं. निश्चित तौर पर यहां केंद्र और राज्य सरकार के सोची समझी साजिश है.जल्द ही समस्या का निराकरण करना चाहिए. साहिदुल रहमान, मुखिया दक्षिण पियारपुर पंचायत . फोटाे नं 02 एसबीजी 24 है कैप्सन – रविवार को एजाबुल शेख जमीन का सर्वे नहीं रहने से कई महत्वपूर्ण कार्य नहीं हो पाता है. सरकार को जल्द से जल्द सर्वे का काम शुरू करना चाहिए, ताकि लोग कल्याणकारी योजना व निजी काम से वंचित न रहे. एजाबुल शेख उप मुखिया फोटाे नं 02 एसबीजी 25 है कैप्सन – रविवार को अब्दुल हमलोग सदियों से इस जगह निवास करते आ रहे हैं. पूर्वज भी इसी जगह से जीवन यापन कर गुजर बसर किये हैं. वर्तमान में करीब दो लाख की आबादी निवास कर रही है. सरकार हमें हमारा मालिकाना हक दे. अब्दुल गफ्फार स्थानीय ग्रामीण . फोटाे नं 02 एसबीजी 26 है कैप्सन – रविवार को हाफिज सईद राजय सरकार ने कई इन जगहों में सरकारी विद्यालय, पंचायत भवन,स्वास्थ्य केंद्र का भवन उपलब्ध भी कराया है. सरकार को इस पर पहल करने की आवश्यकता है. हाफिज सईद अख्तर , समाजसेवी. फोटाे नं 02 एसबीजी 27 है कैप्सन – रविवार को नुरूल हक झारखंड राज्य अलग होने के बाद से यहां के लोग नियमित जमीन का लगान भी झारखंड सरकार को दे रहे थे. इसके बावजूद भी हमें हमारा हक नहीं मिल रहा है. नुरुल हक, स्थानीय ग्रामीण . फोटाे नं 02 एसबीजी 28 है कैप्सन – रविवार को मंजूर आलम हमारे यहां के रैयत अपने बच्चों की शादी, नौकरी तथा स्वास्थ्य सुविधा जैसे जरूरत पर भी अपनी जमीन की बिक्री नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उन पर बोझ बढ़ रहा है. सरकार से मांग है कि जल्द समाधान करे. मंजूर आलम, समाजसेवी . फोटाे नं 02 एसबीजी 29 है कैप्सन – रविवार को रमजानी म्यूटेशन नहीं होने से जमीन का लगान जमा नहीं कर पा रहा है. स्थायी निवास प्रमाण पत्र (नियोजन प्रमाण पत्र) नहीं मिलने से लोग सरकारी नौकरी से वंचित है. नया लगान रसीद नहीं मिलने से विभिन्न कल्याणकारी योजना के लाभ से वंचित है. रमजानी शेख फोटाे नं 02 एसबीजी 30 है कैप्सन – रविवार को फारूक जरूरी कागजात रहने पर भी मौलिक अधिकार से लोग वंचित हैं. जमीन संबंधित जमीदार पट्टा, रिटर्न कॉपी, रजिस्टर-टू, खतियान, सदियों पुराना लगान रसीद, एलपीसी सहित अन्य कागजात उपलब्ध है. फारूक शमसी मदरसा, हेड मौलाना.

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