मंडरो : मिर्जाचौकी रेलवे परिसर में वर्ष 1969 से संचालित बासुदेव ठाकुर के कैंटिन को शनिवार को रेल पदाधिकारी एसीएम श्रीकांत मंडल, सीटीआइपी एन यादव एवं पुलिस बल के सहयोग से जेसीबी मशीन लगाकर हटाया गया. इधर वेंडरधारी प्रदीप ठाकुर का कहना था कि पिता बासुदेव ठाकुर के मृत्यु 24 अक्तूबर 2009 को होने के बाद भी लगातार कैंटिन चलाता रहा और रेल को मानक के अनुसार किराया भी देता रहा.
इस बीच सीनियर डीसीएम के निर्देश पर पिता जी के समय का बकाया एरियर एक लाख 75 हजार 446 रुपये इस आश्वासन पर जमा किया कि दोबारा मेरे नाम वेंडर ट्रांसफर कर दिया जायेगा लेकिन ऐसा नहीं कर मेरे कैंटिन को बलपूर्वक हटा दिया गया. फिलहाल कैंटिन हटा दिये जाने से वेेंडरधारी के समक्ष रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है.