राजमहल : प्रखंड क्षेत्र के कटघर में जीव व सरीसृप प्रजाति का फॉसिल्स पाया गया. ये बातें बुधवार को राजमहल प्रखंड क्षेत्र के कटघर में टीम के भ्रमण के दौरान नेतृत्व कर रहे भू-वैज्ञानिक डॉ रंजीत सिंह ने कही. डॉ सिंह ने कहा कि कटघर में पहली बार विभिन्न तरह के प्रजाति का फॉसिल्स पाया गया है. जिसका संरक्षण अति आवश्यक है.
उन्होंने बताया कि कटघर को ज्यू टूरिज्म के रूप में विकसित किया जा सकता है. मौके पर मौजूद डीएफओ मनीष तिवारी ने कहा कि कटघर के फॉसिल्स को सुरक्षित करने के लिए त्वरित पहल करते हुए घेराबंदी की जायेगी. साथ ही बायोडायवर्सिटी के रूप में विकसित किया जायेगा. मौके पर कोलकाता विश्वविद्यालय के पार्थ तालुकदार, प्रतीक हाजरा, प्रीति कुमारी व रिना मरांडी सहित अन्य उपस्थित थे. मौके पर डीएफओ मनीष तिवारी ने कहा कि कटघर के चहारदीवारी की घेराबंदी की जायेगी.
जीवाश्म के शोध और पाये जाने वाले जीवाश्म के आधार पर शोधकर्ताओं ने कहा कि राजमहल के कटघर में पाये जाने वाले ग्रिन्स, चावल, गेहूं, चूड़ा, दाल के पत्थर बरामद हुये हैं. साथ ही रैप्टाइल अंडा सांप का मिला जो लगभग 300 वर्ष पुराना है. जेस्टोपेडा जीवाश्म भी मिला जो लगभग 500 वर्ष पुराना है.
उन्होंने कहा कि कोलकाता विवि और सिदो कान्हू मुर्मू विवि के संयुक्त रूप से कार्य करने के लिये आगे बात की जायेगी. राजमहल के कटघर में पाये जाने वाले ग्रीन्स चावल गेहूं चूड़ा, दाल के जो रहस्य बना है पर भी जानकारी ले कर शोध कार्य किया जायेगा. गुरुवारको मंडरो स्थित फॉसिल्स पार्क का निरीक्षण किया जायेगा. शुक्रवार को दोनो शोधकर्ता सभी फॉसिल्स को लेकर कोलकाता जायेंगे. जहां शोध किया जायेगा. मौके पर दो छात्रा प्रीति भारती, रीना मरांडी व अन्य सदस्य उपस्थित थे.