23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

साहिबगंज में बनेगा हाइटेक बंदरगाह

गुड न्यूज 50 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण की पूरी हो चुकी है प्रक्रिया साहिबगंज : साहिबगंज जिला में झारखंड का पहला हाइटेक बंदरगाह बनेगा. साहिबगंज जिला प्रशासन ने भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के जरूरत के मुताबिक 120 एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है. अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने बंदरगाह निर्माण के लिये जिला […]

गुड न्यूज 50 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण की पूरी हो चुकी है प्रक्रिया

साहिबगंज : साहिबगंज जिला में झारखंड का पहला हाइटेक बंदरगाह बनेगा. साहिबगंज जिला प्रशासन ने भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के जरूरत के मुताबिक 120 एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है. अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने बंदरगाह निर्माण के लिये जिला मुख्यालय से लगभग छह किमी पर अवस्थित समदा नाला मौजा में गंगा नदी के किनारे स्थाल का चयन किया है. अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने साहिबगंज जिला प्रशासन को 46.42 करोड़ रुपये भी जमीन अधिग्रहण को गति प्रदान करने के लिये उपलब्ध करा दिया है. इसमें रैयतों के बीच लगभग 10 करोड़ रुपये का मुआवजा भुगतान किया जा चुका है. बंदरगाह का निर्माण 120 एकड़ भूमि पर किया जायेगा.

जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार समदा नाला मौजा में प्रस्तावित बंदरगाह निर्माण के लिये 1500 मीटर गुना 350 मीटर क्षेत्रफल में बंदरगाह का निर्माण कराया जायेगा. इसके अलावा सड़क एवं रेल संपर्क पथ भी बनाये जायेंगे. बंदरगाह निर्माण सड़क एवं रेल संपर्क पथ निर्माण में जलमार्ग प्राधिकरण की ओर से कुल 120 एकड़ जमीन की आवश्यकता बतायी गयी है. चिह्नित आवश्यक जमीन में 111 एकड़ जमीन रैयती है. शेष सरकारी जमीन है. जिला प्रशासन की ओर से जमीन अधिग्रहण के लिये अधिसूचना जारी कर दी गयी है. जमीन का मूल्यांकन भी कर लिया गया है. जमीन के मुआवजा भुगतान के लिये अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने 46.42 करोड़ रुपये तत्काल भूमि अधिग्रहण के लिए भेज चुका है. जिला प्रशासन की ओर अब तक 10 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरण रैयतों को किया जा चुका है.

विस्थापितों के लिए बनेगा मॉडल टाउन : जिला प्रशासन ने बंदरगाह निर्माण से प्रभावित होने वाले विस्थापितों को दो फेज में बसाने का निर्णय लिया है. उपायुक्त उमेश प्रसाद सिंह ने बताया कि प्रथम फेज में 235 परिवारों को एवं दूसरे फेज में 192 परिवार के पुनर्वास की योजना है. इसके लिये सरकार को राशि उपलब्ध कराने के लिये प्रस्ताव भेजा जा चुका है. पैसा मिलते ही पुर्नवास का काम शुरू कर दिया जायेगा. विस्थापितों के लिये माॅडल टाउन का निर्माण कराया जायेगा. एक ही कैंपस में स्कूल खेल के मैदान मार्केट कांपलेक्स सहित तमाम आधुनिक सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी.

लंबे अरसे से उठ रही थी बंदरगाह निर्माण की मांग: स्थानीय लोगों की मांग और सामरिक और आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण साहिबगंज में लंबे समय से बंदरगाह निर्माण की मांग की जा रही थी. इसकी नीव 1886 में पहली बार पड़ी. भारत सरकार ने वर्ष 1986 में भागीरथ गंगा, हुगली, हल्दिया होते हुये इलाहाबाद तक राष्ट्रीय जलमार्ग एक घोषित किया. इसी राष्ट्रीय जलमार्ग में झारखंड का साहिबगंज पड़ता है. तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में जहाजरानी मंत्री रहे शत्रुघ्न सिन्हा ने साहिबगंज में बंदरगाह बनाने की घोषणा की थी. लेकिन सरकार बदलते बंदरगाह का मामा ठंडे बस्ते में चला गया. पुन इस मामले को तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय दिल्ली के स्टेनिंग कमेटी के सदस्य सह गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने यूपीए दो के कार्यकाल में सांसद में उठाया. लेकिन कोई खास कार्य नहीं हो पाया. केंद्र में भाजपा के सरकार बनने के बाद वर्तमान जल परिवहन मंत्री ने इलाहाबाद से राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या एक का उदघाटन किया है.

भारतीय अंतरदेशीय जल मार्ग प्राधिकरण ने दिया 46.42 करोड़ रुपये

जिला प्रशासन ने जारी की 120 एकड़ जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना

रैयतों के बीच बांटी जा चुकी है 10 करोड़ की राशि

पहले चरण में 235 व दूसरे चरण में 192 परिवार विस्थापित को कराया पुनर्वास

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें