साहिबगंज : साहिबगंज की आठ वर्षीय जिग्रासा में अजीब विलक्षण प्रतिभा है. वह आंख बंद कर भी अंगरेजी की कोई भी किताब धड़ाधड़ पढ़ लेती है. जिग्रासा का नानी घर शहर के बाटा रोड में है. उसके नाना ओम प्रकाश सिन्हा पेशे से शिक्षक हैं. जिग्रासा की यह प्रतिभा शहर में कोतुहल का विषय बना […]
साहिबगंज : साहिबगंज की आठ वर्षीय जिग्रासा में अजीब विलक्षण प्रतिभा है. वह आंख बंद कर भी अंगरेजी की कोई भी किताब धड़ाधड़ पढ़ लेती है. जिग्रासा का नानी घर शहर के बाटा रोड में है. उसके नाना ओम प्रकाश सिन्हा पेशे से शिक्षक हैं. जिग्रासा की यह प्रतिभा शहर में कोतुहल का विषय बना हुआ है.
फिलहाल वह दिल्ली में डीएवी स्कूल में तीसरी कक्षा की छात्रा है. दो साल पहले उसने बंद कमरे में ब्रेन एक्टीवीटेशन का कोर्स किया था. उसके शिक्षक ने अंधकार में 8 से 10 तसवीर उसे दिखाये थे और तभी से एकांत में रह कर एकाग्रता के साथ करने पर उनके दिमाग में बातें बैठ गयी.
ब्रेन एक्टीवेशन कोर्स कर चुकी है
आंखों पर पट्टी बांधने पर भी कुछ भी लिखा बिल्कुल सही पढ़ कर सकती है. वो भी एक-एक अक्षर स्पष्ट रूप से. इस छोटी बच्ची का दावा है कि उसे आंखों पर कुछ भी बांध देने पर भी लिखा गया एक-एक अक्षर स्पष्ट रूप से पहचान लेती है. बच्ची के पिता पंकज कुमार दिल्ली में सिविल इंजीनियर हैं. जबकि माता नितु कुमारी गृहिणी हैं. एक भाई व एक बहन में वह बड़ी है. मामा सत्यप्रकाश सिन्हा ने कहा कि यह एक अजूबा है.