अनदेखी. शहर में संचालित नर्सिंग होम में प्रशिक्षित स्टाफ नहीं
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खतरे में लोगों की जान, नहीं होती कार्रवाई
अनदेखी. शहर में संचालित नर्सिंग होम में प्रशिक्षित स्टाफ नहीं बिना डिग्री वाले चिकित्सक कर रहे सिजेरियन का काम साहिबगंज : जिला मुख्यालय सहित प्रखंड क्षेत्रों में दर्जन भर अवैध नर्सिंग होम का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है. बिना डिग्री वाले चिकित्सक सिजेरियन का काम कर रहे हैं. अवैध नर्सिंग होम के संचालक […]
बिना डिग्री वाले चिकित्सक कर रहे सिजेरियन का काम
साहिबगंज : जिला मुख्यालय सहित प्रखंड क्षेत्रों में दर्जन भर अवैध नर्सिंग होम का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है. बिना डिग्री वाले चिकित्सक सिजेरियन का काम कर रहे हैं. अवैध नर्सिंग होम के संचालक गरीबों के खून पसीने की गाढ़ी कमाई दोनों हाथों से लूट रहे हैं. शहर के विभिन्न मोहल्ले में नियम कानून ताक पर रख कर आलीशान भवन में नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा है. आश्चर्य की बात यह है कि एक तरफ आम आदमी के स्वास्थ्य को लेकर शासन और प्रशासन पूरी तरह फिक्रमंद है, तो वहीं दूसरी ओर शहर के कई ऐसे नर्सिंग होम उसके स्वास्थ्य से खेल रहा है. फर्जी चिकित्सक अपना धंधा चमकाने में लगे हैं. दिलचस्प बात यह है कि पूरा खेल प्रशासन के नाक के नीचे हो रहा है.
एसडीओ ने जारी किया था निर्देश : सदर एसडीओ सह कार्यपालक पदाधिकारी अमित प्रकाश ने शहर में संचालित प्राइवेट नर्सिंग होम के जांच के आदेश दिये हैं. जांच दल में नगर प्रबंधक जया लक्ष्मी, कर संग्राहक समशेर अंसरी एवं नीरज को रखा गया है. जांच टीम द्वारा नर्सिंग होम के संचालक का नाम, पता, वार्ड संख्या, कब से नर्सिंग होम संचालित हैं, क्या संचालक द्वारा नगर परिषद को टैक्स दिया जा रहा है या नहीं पूरी रिपोर्ट तलब किया गया. सिविल एसडीओ ने कहा कि प्राइवेट नर्सिंग होम अवैध वसूली का अड्डा नहीं बनने दिया जायेगा. जल्द ही टीम बड़ी कार्रवाई करेगी. मामले में जल्द ही सिविल सर्जन नोटिस जारी करेगा. शहर में संचालित नर्सिंग होम के संचालकों पर सिविल सर्जन द्वारा कार्रवाई शुरू की जा रही है.
क्या है नियम
मरीजों को सुविधाएं और सेवाएं देनी होती है
विशेषज्ञ चिकित्सक के अलावे निपुण स्वास्थ्य कर्मी भी होने चाहिये
लेखा-जोखा का हिसाब हो
उल्लंघन पर लाइसेंस रद्द करने का है प्रावधान
बिना प्रशिक्षण लिए बन जाते हैं नर्स
शहर में संचालित नर्सिंग होम में मैट्रिक और इंटर पास युवक एवं युवतियां को ड्रेसिंग सहित विभिन्न कार्यों के लिये रख लिया जाता है. जिससे संचालकों को कम राशि देकर अधिक से अधिक कार्य कराया जा सके. अधिकतर युवक एवं युवतियां बिना प्रशिक्षण प्राप्त किये ही सूई लगाने, ड्रेसिंग करने सहित विभिन्न कार्य करते हैं. जिस कारण कई मरीजों को जान भी गंवाना पड़ रही है. बहरहाल अब देखना होगा कि जिला प्रशासन प्राइवेट नर्सिंग होम के संचालकों पर क्या कार्रवाई करती है.
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