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एक्शन में झारखंड सरकार, एक माह में 2600 करोड़ से ज्यादा की योजनाओं को स्वीकृति, जानें किस विभाग में कितने

झारखंड सरकार ने महज एक माह के अंदर 2600 करोड़ रुपये की योजनाओं को स्वीकृति दे दी. सरकार द्वारा संचालित विभिन्न विभागों के लिए राशि का बंटवारा कर दिया गया है. और इसे खर्च करने में तेजी भी आयी है.

रांची : वित्तीय वर्ष 2021-22 को समाप्त होने में ढाई माह का समय बचा है. 15 दिसंबर तक बजट के कुल योजना मद की सिर्फ 35 प्रतिशत राशि ही खर्च हो पायी थी. ऐसे में विभागों की ओर से योजना मद बजट राशि खर्च करने में तेजी लायी गयी है. पिछले एक माह में विभिन्न विभागों की लगभग 2600 करोड़ रुपये की योजनाओं को स्वीकृति दी गयी है. इनमें अधिकांश योजनाएं वर्क्स डिपार्टमेंट की हैं. वित्तीय वर्ष 2021-22 में केंद्र व राज्य का योजना मद में 53,333 करोड़ का आउट ले प्लान का बजट है. इसमें से 15 दिसंबर तक 18, 611 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाये थे.

पथ निर्माण विभाग

1000 करोड़ की योजनाएं स्वीकृत :

पथ निर्माण विभाग ने एक माह में 1000 करोड़ की योजनाओं को स्वीकृति दी है. धनबाद से झरिया बलियापुर सड़क योजना 44 करोड़ की लागत से बनेगी. गोविंदपुर-साहिबगंज पथ का काम 31 करोड़, मनियाडीह से सर्रा पथ 30 करोड़, बराटांड़ से जरमुंडी-25 करोड़, मनोहरपुर में गोइलकेरा से सेरेंगदा पथ-120 करोड़, मनोहरपुर में ही सोनुआ से गुदड़ी पथ-145 करोड़ और आदित्यपुर-महलडीह-हेसल पथ- 79 करोड़ से बनेगा.

इन्हें अभी स्वीकृति दी गयी है. वहीं कुछ ही दिन पहले योजना को सीएम ने भी स्वीकृति दे दी है. इसमें 337 करोड़ की योजना सिरम टोली से राजेंद्र चौक तक फ्लाईओवर की है. वहीं 127 करोड़ रुपये में विकास से बूटी मोड़-कांटाटोली होते हुए दुर्गा सोरेन चौक तक की सड़क तथा पुरानी विधानसभा से नया सराय रोड की फोरलेन योजना 223 करोड़ की है.

  • सड़क, ग्रामीण विकास और पेयजल में सैकड़ों करोड़ की योजनाएं स्वीकृत

  • 15 दिसंबर तक बजट के योजना मद की 35% राशि ही हुई थी खर्च

शिक्षा व कृषि में भी राशि स्वीकृत

शिक्षा विभाग में एक माह के अंदर नौवीं व 10 वीं के छात्रों को किताब की राशि देने को लेकर 19 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है. वहीं कृषि विभाग ने बिरसा किसान पाठशाला को लेकर 68 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है.

800 करोड़ रुपये की पेयजल योजनाओं को मिली स्वीकृति

पेयजल विभाग की ओर से एक माह में जल जीवन मिशन के तहत लगभग 800 करोड़ की पेयजलापूर्ति योजनाओं को स्वीकृति दी गयी है. इसके तहत हर घर में नल से जल पहुंचाना है. इन योजनाओं की खर्च की राशि में 50 प्रतिशत राशि का अनुदान केंद्र सरकार देती है. स्वीकृत योजनाओं में खूंटी के मनातू, चक्रधरपुर के चंद्री, गिरिडीह के ओझाडीह,

खूंटी के उलीहातू, सरायकेला, लातेहार के भगेया, जमशेदपुर के दुरलुंग, झुमरी तिलैया के कटैया, चाईबासा के जगन्नाथपुर, जामताड़ा के पहाड़टोला, जामताड़ा के कास्ता, मेदिनीनगर के तोसरा, गढ़वा के धरमपुर, साहिबगंज के बरहेट, गिरिडीह के खुदीसार व मंझने, देवघर के चांदडीह, चतरा जिरवाखुर्द, गिरिडीह के ढेंगाडीह, देवघर के कुसवाहा,लातेहार के कोमो, मेदिनीनगर के गाड़ीखाना समेत कई ग्रामीण जलापूर्ति योजनाएं शामिल हैं.

725 करोड़ की ग्रामीण सड़क व पुल की योजनाएं स्वीकृत

ग्रामीण कार्य विभाग ने योजनाओं की स्वीकृति में तेजी लाते हुए एक माह में करीब 725 करोड़ की योजनाओं को स्वीकृति दी है. विभाग ने मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत करीब 225 करोड़ की पूरी योजनाओं को स्वीकृति दी है. वही राज्य संपोषित योजना से करीब 500 करोड़ की ग्रामीण सड़क की योजनाओं को स्वीकृति दे दी गयी है. अभी बड़ी संख्या में योजनाएं स्वीकृति की प्रक्रिया में हैं. स्वीकृत सड़क योजनाओं पर टेंडर भी किया जा रहा है. जल्द ही इन योजनाओं पर काम भी शुरू कराने को कहा गया है.

विकास कार्यों पर ज्यादा खर्च करने का फैसला
विकास योजनाओं पर बजट अनुमान से 3100 करोड़ होगा अधिक खर्च

राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में योजना आकार में 3100.20 करोड़ रुपये की वृद्धि करने का फैसला किया है. साथ ही सभी विभागों में पूर्व योजना आकार को संशोधित कर दिया है. इस क्रम में 12 विभागों की योजना के आकार में वृद्धि की गयी है. वहीं, दो विभागों के योजना आकार में कटौती की गयी है. शेष विभागों के योजना आकार में बदलाव नहीं किया गया है.

पूर्व निधारित राशि को बढ़ाकर 56,433.86 करोड़ किया :

सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष (2021-22) के लिए कुल 91,277 करोड़ रुपये का बजट अनुमान किया था. इसमें विकास योजनाओं के लिए 53,333.66 करोड़ का प्रावधान था. सरकार ने पूर्व निधारित राशि को बढ़ा कर 56,433.86 करोड़ रुपये कर दिया है. यानी विकास योजनाओं पर पहले की तुलना में 3100.20 करोड़ अधिक खर्च होगा.

12 विभागों के योजना आकार में वृद्धि :

12 विभागों के योजना आकार में वृद्धि की गयी है. सबसे ज्यादा वृद्धि ऊर्जा,स्वास्थ्य, कृषि व आपदा प्रबंधन विभाग में हुई है. ऊर्जा विभाग के योजना आकार में 1786 करोड़, कृषि में 275.25 करोड़, स्वास्थ्य में 275.71 करोड़, ग्रामीण विकास में 284.35 करोड़ और आपदा प्रबंधन में 2002.02 करोड़ रुपये की वृद्धि की गयी है.

सरकार ने समाज कल्याण विभाग के योजना आकार में 172.43 करोड़ रुपये की वृद्धि की है. इसके अलावा पशुपालन में 12.23 करोड़, पंचायती राज में 45.36 करोड़, जल संसाधन में 45.96 करोड़, कल्याण में 9.47 करोड़, नगर विकास में 2.51 करोड़, श्रम नियोजन में 74 लाख और गृह विभाग में 32.33 करोड़ की वृद्धि की है. सरकार ने वन पर्यावरण के योजना आकार में पहले के मुकाबले 3.41 करोड़ और विज्ञान प्रावैधिकी के योजना आकार में 40 करोड़ की कटौती की है.

Posted By : Sameer Oraon

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