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पानी कोई नहीं बना सकता यह सिर्फ हमें प्रकृति देती है
परिचर्चा : रांची में पानी की समस्या व इसके समाधान विषय पर डॉ नितीश बोले रांची : पानी कोई नहीं बना सकता है, यह हमें सिर्फ प्रकृति देती है. उक्त बातें भू-वैज्ञानिक व पर्यावरणविद डाॅ नितीश प्रियदर्शी ने कही. वे मंगलवार को रिसालदार बाबा मजार परिसर में एस एम कंप्यूटर्स संस्थान के तत्वावधान मेें आयोजित […]
परिचर्चा : रांची में पानी की समस्या व इसके समाधान विषय पर डॉ नितीश बोले
रांची : पानी कोई नहीं बना सकता है, यह हमें सिर्फ प्रकृति देती है. उक्त बातें भू-वैज्ञानिक व पर्यावरणविद डाॅ नितीश प्रियदर्शी ने कही. वे मंगलवार को रिसालदार बाबा मजार परिसर में एस एम कंप्यूटर्स संस्थान के तत्वावधान मेें आयोजित रांची में पानी की समस्या एवं इसके समाधान विषय पर अपने विचार रख रहे थे. उन्होंने कहा कि हमें पहाड़ अौर जंगल बचाना है.
यह रहेगा, तो बारिश होगी अन्यथा हम भी पानी के लिए तरसेंगे. उन्होंने कहा कि विश्व में पानी के लिए लड़ाई हो रही है. इससे हमें सीख लेने की जरूरत है. हम पेड़ लगाने की बात करते हैं लेकिन कहीं भी हम जंगल लगाने की बात नहीं करते हैं. हमारी सोच में परिवर्तन लाने की जरूरत है. हमें यहां के जलस्रोतों व तालाबों को बचाने की जरूरत है.
सभा में बालालौंग उच्च विद्यालय की प्रधानाध्यापिका डॉ आबिदा हसन, कांग्रेस अल्पसंख्यक मोरचा के प्रवक्ता वारिस कुरैशी, आर के एकेडमी के रजनीकांत पांडेय, अंजलि, आफिया, मंगल, मुस्कान, इरम, सरवर ने भी विचार रखे. स्वागत भाषण संस्था के निदेशक मंजर इमाम, संचालन ए जेब खान व धन्यवाद ज्ञापन डॉ शाहनवाज कुरैशी ने किया.
खाली स्थानों पर युवा टोलियां बना कर पेड़ लगायें
मुख्य अतिथि के रूप में वन विभाग के रेंज ऑफिसर अखिलेश कुमार ने कहा कि विगत 20 से 25 सालों मेे तेजी से भवनों के बनने से बाहर में पौधरोपण के लिए स्थान नहीं मिल पा रहा है. युवाओं को चाहिए कि वे टोलियां बना कर अपने मोहल्लों और खाली जगहों पर पेड़ लगायें. पेड़ लगा कर ही हम पर्यावरण को बचा सकेंगे और आनेवाली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण दे सकते हैं
आमंत्रित अतिथि डॉ शाहिद हसन ने कहा कि पानी का स्रोत हरियाली और जंगल है. इसे बचाने की आवश्यकता है. चेक डैम का निर्माण भी इसका समाधान हो सकता है.
पूर्व पार्षद डॉ राजेश गुप्ता ने कहा कि घरेलू उपयोग में आनेवाले जल की बरबादी हर हाल में रुकनी चाहिए. जिले में बनाये जा रहे डोभा में मछली पालन प्रारंभ कर इसे युवाओं के रोजगाार से जोड़ा जाना चाहिए. जसवंत कुमार ने कहा कि जलसंकट गंभीर चिंता का विषय है. युवा केवल सरकारी तंत्र पर निर्भर नहीं रहें बल्कि आगे आकर समस्या का प्रायोगिक उपाय करें. हम पेड़ लगा कर और वाटर हार्वेस्टिंग के जरिये भी पानी बना सकते हैं
जलसंकट को देखते हुए आनेवाली पीढ़ी के लिए हमें अभी से सचेत रहने की जरूरत है. समाजसेवी युवराज पासवान ने कहा कि आज हमें जितनी जरूरत है, उतना ही पानी का प्रयोग करें़ पानी की बरबादी करने से हमें बचना चाहिए.
भाषण प्रतियोगिता में गुलफसां परवीन प्रथम
इस अवसर पर निबंध व भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया. इसमें बाहर के विभिन्न स्कूल एवं कॉलेज के छात्र-छात्राअों ने हिस्सा लिया. निबंध प्रतियोगिता के हिंदी वर्ग में श्वेता लकड़ा को प्रथम, अनु कुमारी को द्वितीय व सुभाष बेसरा को तीसरा स्थान मिला.
वहीं निबंध प्रतियोगिता के अंगरेजी वर्ग में पूर्णिमा सुनार को प्रथम, ममता बारा को द्वितीय तथा जे सलीम को तीसरा स्थान मिला. भाषण प्रतियोगिता में गुलफसां परवीन को प्रथम, दीपक कुमार को द्वितीय व स्नेहा कुमारी को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ.
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