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बड़े नक्सलियों के सरेंडर के बाद भी नहीं रुक रहीं घटनाएं
रांची : नक्सली जोनल कमांडर नकुल यादव और सब जोनल कमांडर मदन यादव के सरेंडर के बाद पुलिस उम्मीद कर रही थी कि नक्सली गतिविधि में कमी आयेगी. पिछले 14 दिनों के भीतर गुमला, लोहरदगा और लातेहार में हुई आठ घटनाओं ने पुलिस की इस उम्मीद पर पानी फेर दिया है. हालांकि पुलिस के अधिकारियों […]
रांची : नक्सली जोनल कमांडर नकुल यादव और सब जोनल कमांडर मदन यादव के सरेंडर के बाद पुलिस उम्मीद कर रही थी कि नक्सली गतिविधि में कमी आयेगी. पिछले 14 दिनों के भीतर गुमला, लोहरदगा और लातेहार में हुई आठ घटनाओं ने पुलिस की इस उम्मीद पर पानी फेर दिया है.
हालांकि पुलिस के अधिकारियों ने गुमला में हुई दो घटनाओं में एक चौकीदार व दो व्यवसायियों की हत्या को अभी तक नक्सली घटना नहीं माना है. लेकिन सूत्रों ने दावा किया है कि नकुल के बाद संगठन का काम संभाल रहे बुद्धेश्वर के इशारे पर एरिया कमांडर नजीम के द्वारा इन दोनों घटनाओं को अंजाम दिया गया है. 20 मई की रात तो नक्सलियों ने तीनों जिलों में एक-एक घटना को अंजाम देकर पुलिस को सकते में डाल दिया है. उल्लेखनीय है कि नक्सली नकुल यादव व मदन यादव को पुलिस ने चार मई को सरेंडर कराया था. इससे पहले पुलिस ने नकुल के दस्ते के 10 नक्सलियों को लोहरदगा में सरेंडर कराया था.
नकुल-मदन के सरेंडर के बाद भी नहीं पड़ा फर्क : नकुल यादव व मदन यादव के सरेंडर के बाद भी गुमला, लातेहार व लोहरदगा जिले में नक्सली गतिविधि में कमी नहीं आयी है. इसकी वजह यह बतायी जा रही है कि दोनों नक्सली पिछले 14-15 माह से पुलिस के संपर्क में थे. इस दौरान दोनों का दस्ता संगठन से दूर हो गया था. संगठन ने दोनों की कमी को पूरा कर लिया है. रवींद्र गंझू, बुद्धेश्वर व नजीम के दस्ते ने तीनों जिलों में संगठन का कमान संभाल लिया है.
चार माह में राज्य भर में हुईं 28 घटनाएं : 30 अप्रैल तक की नक्सली वारदातों के आंकड़े के मुताबिक इस साल चार माह में राज्य भर में 60 नक्सली-उग्रवादी घटनाएं हुई थीं. इनमें से 28 घटनाओं को माओवादियों ने अंजाम दिया था. इस तरह नक्सलियों ने हर माह औसतन सात घटनाओं को अंजाम दिया था. मई माह में सिर्फ तीनों जिलों में नक्सलियों ने 14 दिन में आठ घटनाओं को अंजाम दिया है. नक्सली ज्यादा आक्रामक हुए हैं.
14 दिन में आठ घटनाएं
07 मई : माओवादियों ने गुमला के घाघरा के आदर, विमरला, इटकिरी गांव की मुख्य सड़कों को किनारे पोस्टर चिपकाया.
08 मई : माओवादियों ने गुमला के घाघरा के विमरला बॉक्साइट माइंस को बंद करा दिया. दो दिनों तक काम बंद रहा.
17 मई : गुमला के कोटाम बाजार में व्यवसायी इश्तियाक अंसारी को गोली मार कर घायल किया. हालांकि पुलिस इसे आपराधिक घटना मान रही है.
17 मई : लातेहार के छिपोहर थाना क्षेत्र के कटिया गांव में माओवादियों ने अखिलेश तुरी व उसके भाई राजदेव तुरी को लाठी-डंडा से पीटा. अखिलेश तुरी की मौत हो गयी.
18 मई : नक्सलियों ने गुमला के आंजन मोड़ के पास व्यवसायी बबलू साव व चौकीदार रघु पासवान की गोली मार कर हत्या कर दी. पुलिस इस घटना को भी अपराधी घटना बता रही है.
20 मई : लातेहार थाना क्षेत्र के तरवाडीह गांव के पास गाला नदी पुल पर काम बंद कराया, मिक्सर मशीन व जेनरेटर को जला डाला.
20 मई : भाकपा माओवादी ने गुमला के घाघरा प्रखंड के जोकारी गांव में सड़क निर्माण में लगी एक जेसीबी मशीन व चार ट्रैक्टर को जला दिया. तीन मुंशी को बंधक बना कर पीटा. साढ़े तीन करोड़ का सड़क निर्माण का काम बंद करा दिया है.
20 मई : लोहरदगा के बगड़ू थाना क्षेत्र के चांदगो गांव में सड़क बना रही कंपनी की दो जेसीबी मशीन व एक ट्रैक्टर को माओवादियों ने फूंक डाला.
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