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गड़बड़ी: गैर पारा कोटि में नियुक्त हुए पारा शिक्षकों पर हो रही कार्रवाई, जांच के बाद पारा से स्थायी हुए 200 शिक्षकों की सेवा समाप्त

पारा शिक्षक से स्थायी हुए लगभग दो सौ शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गयी है़ वर्ष 2015-16 में इन शिक्षकों की नियुक्ति प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में हुई थी. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा नियुक्ति के बाद सभी जिलों में जांच करने का अादेश दिया गया था. रांची: पारा शिक्षक से स्थायी हुए […]

पारा शिक्षक से स्थायी हुए लगभग दो सौ शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गयी है़ वर्ष 2015-16 में इन शिक्षकों की नियुक्ति प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में हुई थी. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा नियुक्ति के बाद सभी जिलों में जांच करने का अादेश दिया गया था.
रांची: पारा शिक्षक से स्थायी हुए लगभग 200 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गयी है, जबकि लगभग 50 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया है कि उनकी सेवा क्यों न समाप्त कर दी जाये. वर्ष 2015-16 में इन शिक्षकों की नियुक्ति प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में हुई थी. सभी शिक्षक लगभग एक से डेढ़ वर्ष से विद्यालय में पठन-पाठन का काम कर रहे थे. इन शिक्षकों की नियुक्ति गैर पारा कोटि में कर दी गयी थी.
प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली में पारा शिक्षकों के लिए 50 प्रतिशत पद आरक्षित किया गया है. पारा शिक्षकों काे अपने कोटि में ही आवेदन करना था. इसके बाद भी कुछ पारा शिक्षकों ने पारा शिक्षक के लिए आरक्षित पद के साथ-साथ गैर पारा कोटि में भी आवेदन कर दिया. कई जिलों में पारा शिक्षकों को गैर पारा कोटि में नियुक्त नहीं किया गया, पर कुछ जिलों में पारा शिक्षकों को गैर पारा कोटि में नियुक्त कर दिया गया. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा नियुक्ति के बाद सभी जिलों में फिर से जांच का अादेश दिया गया. जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि कई जिलों में पारा शिक्षकों को गैर पारा कोटि में नियुक्त कर दिया गया है. वैसे पारा शिक्षक जिनकी नियुक्ति मेधा अंक होने के बाद भी गैर पारा कोटि में नहीं हुई, वे भी नियुक्ति की मांग करने लगे. इसके बाद गैर पारा कोटि में नियुक्त हुए पारा शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया गया.
रांची में चार शिक्षकों को नोटिस
रांची में चार पारा शिक्षकों की नियुक्ति गैर पारा कोटि में हुई है. जिला शिक्षा स्थापना समिति के निर्णय के अनुरूप इन सभी शिक्षकों को दूसरा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इन शिक्षकों से पूछा गया है कि आपकी सेवा क्यों न समाप्त कर दी जाये. इसके अलावा संबंधित जिला के जिला शिक्षा अधीक्षक को भी पत्र भेजा गया है. जिला शिक्षा अधीक्षक से इन पारा शिक्षकों की सेवा के बारे में पूछा गया है. जिला शिक्षा अधीक्षक व संबंधित शिक्षक से जवाब प्राप्त हाेने के बाद इन शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी जायेगी.
चतरा में सबसे अधिक 103 शिक्षक
राज्य में सबसे अधिक 103 पारा शिक्षकों की सेवा चतरा में समाप्त की गयी है. चतरा में सबसे अधिक पारा शिक्षक गैर पारा शिक्षक कोटि में नियुक्त हुए थे. इसके अलावा गोड्डा में 35, देवघर में 14, पलामू में आठ, गुमला में छह व पूर्वी सिंहभूम में चार मामले सामने आये हैं. इसके अलावा कई जिलों में ऐसे शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है. नोटिस के जवाब के बाद इनकी सेवा समाप्त की जायेगी.
नियुक्त करनेवाले अिधकारियों पर भी हो कार्रवाई : प्राथमिक शिक्षक संघ
झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव योगेंद्र तिवारी ने कहा कि अगर पारा शिक्षकों की नियुक्ति गलत थी, तो उन्हें नियुक्त करनेवाले अधिकारी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर पारा शिक्षक को गैर पारा कोटि में नियुक्त नहीं करना था, तो जिला शिक्षा अधीक्षक ने किस परिस्थिति में उनकी नियुक्ति की, इसकी जांच करायी जाये. इसके अलावा स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निर्देश के बाद शिक्षक नियुक्ति की हुई जांच में भी कई जिलों में गड़बड़ी उजागर हुई है. उन जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक पर कार्रवाई होनी चाहिए. इधर, झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक संघ के विक्रांत ज्योति ने कहा है कि एक से डेढ़ वर्ष तक पारा शिक्षकों से काम लेने के बाद उन्हें हटाया जा रहा है. ऐसे शिक्षकों के समक्ष भुखमरी की स्थिति आ गयी है. वे अब न तो स्थायी शिक्षक रहे, न ही पारा शिक्षक. अगर पारा शिक्षकों ने पूरी सही जानकारी दी थी तथा इसके बाद उनकी नियुक्ति की गयी तो फिर केवल पारा शिक्षकों पर ही कार्रवाई क्यों हो रही है. संबंधित जिला शिक्षा अधीक्षक पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

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