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…और 15 लाख की सिटी बस से रोज होती है एक रुपये की कमाई
जिस शहर में दो लाख की लागत से खरीदा गया ऑटो हर दिन 500 रुपये कमाता है, उसी शहर में रांची नगर निगम 137 रुपये रोजाना के किराये पर 15 लाख रुपये की लागत से खरीदी गयीं 51 मिनी बसें चलवा रहा है. इसमें से भी 136 रुपये रोजाना रोड टैक्स, परमिट और इंश्योरेंस पर […]
जिस शहर में दो लाख की लागत से खरीदा गया ऑटो हर दिन 500 रुपये कमाता है, उसी शहर में रांची नगर निगम 137 रुपये रोजाना के किराये पर 15 लाख रुपये की लागत से खरीदी गयीं 51 मिनी बसें चलवा रहा है. इसमें से भी 136 रुपये रोजाना रोड टैक्स, परमिट और इंश्योरेंस पर खर्च हो जाते हैं. यानी नगर निगम को सिटी बसों के परिचालन से प्रतिदिन मात्र 51 रुपये की आमदनी होती है. एक व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए यह पूरा खेल चल रहा है. पेश है उत्तम महतो की रिपोर्ट.
रांची. अप्रैल 2015 को रांची नगर निगम ने शहर में 51 सिटी बसों के परिचालन का जिम्मा केएम ट्रेवल्स को सौंपा था, जो अब भी जारी है. आकलन किया जाये तो बीते दो वर्षों में रांची नगर निगम को अपनी सिटी बसों से मात्र 37 हजार 230 रुपये की आय हुई है. गौर करने वाली बात है कि इसी शहर में ऑटो चलाने वाले प्रतिदिन 400-500 रुपये की कमाई कर लेते हैं, जबकि भाड़े पर रिक्शा चलानेवाले भी प्रतिदिन 50 रुपये ऑनर को देने के बावजूद 200-250 रुपये की कमाई करते हैं.
बस परिचालन में निगम को एक रुपये का जो मुनाफा हुआ है, उसके लिए एजेंसी के साथ-साथ निगम द्वारा तय की गयीं शर्तें भी काफी हद तक जिम्मेवार हैं. बस परिचालन के लिए निगम ने शर्त रखी थी कि बस परिचालन का जिम्मा उसी ऑपरेटर को दिया जाना था, जिसके पास खुद की कम से कम 20 बसें हों. निगम की इस शर्त पर के कारण ही बस परिचालन की इच्छा रखनेवाले कई लोग किनारे हो गये. इसका फायदा कुछ बड़े ऑपरेटरों ने उठाया. नतीजा दो सालों तक ये बसें केवल एक रुपये के मुनाफे पर चलती रहीं.
यह तो हद हो गयी!
अप्रैल 2015 को केएम ट्रेवल्स को सौंपा गया
था सिटी बसों के परिचालन का जिम्मा
शर्तें ऐसी रखी गयीं
कि ऑपरेटर को हो फायदा, अब तक चल रहा है मुनाफे का खेल
नयी एजेंसी ने बढ़ा
कर दिया है किराये का कोट, सभी टैक्स भी खुद भरेगी नयी एजेंसी
मेरा खुद का ऑटो रिक्शा है. कांटाटोली से लेकर बूटी मोड़ के बीच चलाता हूं. सुबह से शाम तक ऑटो चलाने के बाद 800 रुपये की कमाई हो जाती है. इसमें से 300 रुपये तेल पर खर्च होता है. इस प्रकार से 500 तक की बचत हो जाती है. कभी कभार एक दो रिजर्व मिल जाने पर यह आंकड़ा बढ़कर हजार तक पहुंच जाता है.
अजय नाथ, ऑटो चालक
मैं किराये पर पैडल रिक्शा लेकर चलाता हूं. सुबह से शाम तक रिक्शा चलाने के बाद मुझे 250-300 रुपये की कमाई होती है. इसमें से 50 रुपये प्रतिदिन रिक्शा ऑनर को किराया देना पड़ता है. इसके बाद मेरे पास 200 से 250 रुपये तक बच जाते हैं.
कृष्णा नायक, पैडल रिक्शा चालक
नयी एजेंसी के आते ही पुरानी एजेंसी ने बढ़ायी दर
रांची नगर निगम ने सिटी बसों के परिचालन के लिए इस वर्ष दोबारा टेंडर निकाला. इसमें सुरेश सिंह की एजेंसी ने निगम की नयी बसों के लिए 451 रुपये प्रति बस प्रतिदिन का दर कोट किया. वहीं पुरानी बसों के लिए 201 रुपये प्रति बस प्रतिदिन के हिसाब से कोट किया.
इसके अलावा एजेंसी ने खुद ही टैक्स भुगतान पर भी सहमति जतायी. जब नयी एजेंसी को बस परिचालन का कार्य मिल गया, तो पुरानी एजेंसी केएम ट्रेवल्स ने भी 201 रुपये प्रति बस प्रतिदिन का रेट कोट कर दिया. इस प्रकार नगर निगम को एक रुपये मुनाफा देनेवाली एजेंसी ने नयी एजेंसी की देखादेखी खुद ही बसों के सभी प्रकार के टैक्स देने पर भी सहमति जता दी.
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