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आरक्षण का संबंध स्थानीयता व नियोजन नीति से
रांची : आदिवासी छात्र संघ द्वारा संवैधानिक अधिकार, आरक्षण व विभिन्न छात्रों मुद्दे पर डिप्टीपाड़ा स्थित केंद्रीय कार्यालय में परिचर्चा का आयोजन किया गया. मौके पर संघ के केंद्रीय कोषाध्यक्ष जलेश्वर भगत ने कहा कि आरक्षण का संबंध स्थानीयता व नियोजन नीति से है़ सरकार द्वारा 18 अप्रैल 2016 को गजट में प्रकाशित स्थानीयता नीति […]
रांची : आदिवासी छात्र संघ द्वारा संवैधानिक अधिकार, आरक्षण व विभिन्न छात्रों मुद्दे पर डिप्टीपाड़ा स्थित केंद्रीय कार्यालय में परिचर्चा का आयोजन किया गया. मौके पर संघ के केंद्रीय कोषाध्यक्ष जलेश्वर भगत ने कहा कि आरक्षण का संबंध स्थानीयता व नियोजन नीति से है़
सरकार द्वारा 18 अप्रैल 2016 को गजट में प्रकाशित स्थानीयता नीति गलत है़ इसे गलत तरीके से परिभाषित किया गया है़ इसी तरह कार्मिक, प्रशासनिक सुधार व राजभाषा विभाग द्वारा नौ अप्रैल 2010 को जारी जिलावार आरक्षण नीति भी गलत तरीक से जारी की गयी है. पांचवी अनुसूची राज्य व अनुसूचित क्षेत्र में जेएसएससी की स्थापना और इसके द्वारा जिला स्तरीय सीधी नियुक्ति में जिलावार 50 प्रतिशत के अंदर आरक्षण देना गलत है़
जेपीएससी पीटी परीक्षाफल में आरक्षण की अनदेखी की गयी और कटऑफ नहीं बताया गया़ यह भी गलत है़ सचिव डॉ प्रदीप मुंडा ने कहा कि अधिकारियों की गलती के कारण सरकार आरक्षण को सही तरीके से लागू नहीं करती, जिसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ता है़ स्टेट बैंक के पदाधिकारी सह एसटी, एससी एसोसिएशन के अध्यक्ष एलएम उरांव ने सरकारी विभागों में आरक्षण के बारे में जानकारी दी.
वहीं अध्यक्ष सुशील उरांव ने छात्रावास, छात्रवृत्ति की समस्याओं के बारे में बताया़ बैठक में खूंटी के दूबराज सिंह मुंडा, गुमला के अशोक भगत, लोहरदगा के चंद्रदेव भगत, रामगढ़ के सुनील कुमार मुंडा व छोटेलाल करमाली, हजारीबाग के सुशील ओड़ेया, बोकारो के प्रमोद मुर्मू, धनबाद के फागू हंसदा, सिमडेगा के प्रदीप टोप्पो व पात्रिक लकड़ा, रांची विवि छात्र संघ प्रतिनिधि शामिल थे़
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