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राजधानी में मच्छरों के बढ़ते प्रकोप से निबटने का मामला, कोर्ट अंधा नहीं, खुली आंखों से सब देख रहा है : हाइकोर्ट
राजधानी में मच्छरों के बढ़ते प्रकोप काे लेकर दर्ज जनहित याचिका पर सोमवार को झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने रांची नगर निगम के कार्यों पर माैखिक रूप से टिप्पणी की. कहा : कोर्ट अंधा नहीं है, खुली आंखों से सब देख रहा है रांची: जनहित याचिका पर सुनवाई चीफ जस्टिस प्रदीप […]
राजधानी में मच्छरों के बढ़ते प्रकोप काे लेकर दर्ज जनहित याचिका पर सोमवार को झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने रांची नगर निगम के कार्यों पर माैखिक रूप से टिप्पणी की. कहा : कोर्ट अंधा नहीं है, खुली आंखों से सब देख रहा है
रांची: जनहित याचिका पर सुनवाई चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने की. खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा कि कोर्ट अंधा नहीं है. खुली आंखों से सब देख रहा है. नगर निगम जनहित के लिए है. इस समस्या की अनदेखी नहीं कर सकते हैं. आप अपना शपथ पत्र दायर करें. कोर्ट उस पर विचार करेगा. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 मई की तिथि निर्धारित की.
मच्छरों के खिलाफ चल रहा है अभियान
इससे पूर्व रांची नगर निगम की अोर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने खंडपीठ को बताया कि शपथ पत्र दाखिल कर दिया गया है. 19 योजनाअों में कंसल्टेंट बहाल हैं. मच्छरों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. उसमें कमी आयी है. वार्डों में कराये गये सर्वें में स्थानीय लोगों ने मच्छरों में कमी की बात कही है. निगम ने कोर्ट को बताया कि मच्छरों पर नियंत्रण के लिए जमशेदपुर का दाैरा कर जानकारी हासिल की गयी है. 55 वार्डों में दवा का छिड़काव किया जा रहा है. प्रत्येक वार्ड में तीन-तीन मजदूरों को लगाया गया. प्रत्येक माह में विशेष अभियान चलाया जायेगा. मच्छरों पर नियंत्रण के लिए दवा भी बदल दी गयी है.
65 टैंकरों से शहर में पहुंचाया जा रहा पानी
55 वार्ड में 340 जगहों को पार्षदों ने चिह्नित किया है. 65 वाटर टैंकरों से पानी पहुंचाया जा रहा है. हरमू हाउसिंग कॉलोनी सहित 75 वाटर सप्लाई प्वाइंट बनाये गये हैं.
नगर आयुक्त को बनाया टेंडर कमेटी का अध्यक्ष
निगम के नगर आयुक्त की अोर से वरीय अधिवक्ता आरएस मजूमदार ने खंडपीठ के समक्ष सरकार की अधिसूचना की प्रति प्रस्तुत करते हुए बताया कि कैबिनेट ने नगर निगम में टेंडर कमेटी का अध्यक्ष नगर आयुक्त को बना दिया है. कमेटी में अब मेयर की कोई भूमिका नहीं रह गयी है. इस पर मेयर की अोर से अधिवक्ता सुभाशीष सोरेन ने अपनी बात रखी. सभी को सुनने के बाद खंडपीठ ने शपथ पत्र के माध्यम से पक्ष रखने को कहा. सुनवाई के दाैरान नगर आयुक्त प्रशांत कुमार व मेडिकल अॉफिसर कोर्ट में उपस्थित थे. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी दीवान इंद्रनील सिन्हा की अोर से जनहित याचिका दायर कर मच्छरों के प्रकोप से राजधानीवासियों को निजात दिलाने की मांग की है.
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