28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एक माह में 43.47% गिरा शराब से राजस्व

विवेक चंद्र रांची : झारखंड में शराब बेचने की तैयारी कर रही सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. नवंबर 2016 से राजस्व में लगातार गिरावट आ रही है. पिछले साल के मार्च में सरकार को 19932.47 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था. पर इस साल मार्च में 11248.49 लाख का […]

विवेक चंद्र
रांची : झारखंड में शराब बेचने की तैयारी कर रही सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. नवंबर 2016 से राजस्व में लगातार गिरावट आ रही है. पिछले साल के मार्च में सरकार को 19932.47 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था. पर इस साल मार्च में 11248.49 लाख का ही राजस्व मिला. यानी सिर्फ एक माह में सरकार को 43.47 फीसदी (8683.98 लाख रुपये) कम राजस्व प्राप्त हुआ है. फरवरी महीने में भी पिछले साल की तुलना में 0.95 फीसदी (50.67 लाख रुपये) का नुकसान उठाना पड़ा है. पिछले साल फरवरी और मार्च महीने में उत्पादन विभाग ने राजस्व संग्रहण के लक्ष्य के विरुद्ध क्रमश: 102.73 और 103.84 फीसदी की वसूली की थी.
बिहार से सटे जिलों में भी गिर गया राजस्व: बिहार में शराबबंदी के बाद से झारखंड के सीमावर्ती जिलों में शराब की बिक्री में जबरदस्त इजाफा हुआ था
नवंबर 2016 के पहले बिहार की सीमा से सटे झारखंड के 10 जिलों में शराब से मिलनेवाले राजस्व में 40.36 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. पर नवंबर के बाद से इन जिलों में भी राजस्व में गिरावट आने लगी. फरवरी में पलामू और चतरा को छोड़ कर बिहार से सटे आठ जिलों में राजस्व वृद्धि की दर पिछले साल की तुलना में ऋणात्मक हो गयी. हजारीबाग में 88 फीसदी और दुमका में 78 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी. गोड्डा, साहेबगंज व देवघर में भी राजस्व में कमी आयी. मार्च महीने में बिहार से सटे सभी 10 जिलों में राजस्व वसूली की दर पिछले साल की तुलना में 70 फीसदी से अधिक ऋणात्मक चली गयी है.
शराब बेचने की तैयारी कर रही सरकार को उठाना पड़ रहा बड़ा नुकसान
पिछले साल मार्च में 19932.47 लाख रुपये राजस्व मिला था इस साल मार्च में 11248.49 लाख की ही वसूली
फरवरी में भी पिछले साल की तुलना में 0.95% का नुकसान
नुकसान और बढ़ने की आशंका
पिछले वर्ष लॉटरी के आधार पर दुकानों का आबंटन करानेवालों को चार महीने के लिए दिये गये अवधि विस्तार से पहले से ही करोड़ों का नुकसान हो चुका है
राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों पर शराब दुकानें बंद करने से एक हजार से अधिक दुकानों की बंदोबस्ती नहीं की जा सकी है
अगस्त से सरकार शराब बेचेगी. इससे शराब दुकानों का न्यूनतम कोटा सिस्टम की व्यवस्था समाप्त हो जायेगी. चालू वित्तीय वर्ष में 1600 करोड़ की राजस्व वसूली का लक्ष्य 50 फीसदी पूरा करना भी मुश्किल होगा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें