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क्या है शोध कार्यों की स्थिति किन्हें मिला रिसर्च प्रोजेक्ट
जांच-पड़ताल. नैक टीम ने किया निरीक्षण, शिक्षकों से पूछा कल तक रहेगी नैक टीम राजभवन में दिया गया रात्रि भोज रांची : रांची विवि का निरीक्षण करने पहुंची सात सदस्यीय नैक टीम ने निरीक्षण के पहले दिन सभी स्नातकोत्तर विभागों का दौरा किया. तीन अलग-अलग टीम बना कर सदस्य प्रत्येक विभाग पहुंचे. सदस्यों का जोर […]
जांच-पड़ताल. नैक टीम ने किया निरीक्षण, शिक्षकों से पूछा
कल तक रहेगी नैक टीम
राजभवन में दिया गया रात्रि भोज
रांची : रांची विवि का निरीक्षण करने पहुंची सात सदस्यीय नैक टीम ने निरीक्षण के पहले दिन सभी स्नातकोत्तर विभागों का दौरा किया. तीन अलग-अलग टीम बना कर सदस्य प्रत्येक विभाग पहुंचे.
सदस्यों का जोर विवि में शोध कार्यों को लेकर था. लगभग प्रत्येक विभाग में जानना चाहा कि शोध कार्यों की क्या स्थिति है. शिक्षकों से पूछा किन-किन शिक्षकों को मिला है रिसर्च प्रोजेक्ट. टीम के सदस्यों ने यह भी जानने की कोशिश की कि शिक्षक किन-किन विषयों में शोध कार्य करा रहे हैं अौर किन-किन विषयों व क्षेत्र में शोध कार्य कराने की योजना तैयार की है. टीम के प्रत्येक सदस्यों के सवालों का शिक्षकों ने जवाब दिया. अपराह्न में टीम के सदस्य कुछ पूर्ववर्ती छात्रों व विवि में अध्ययनरत विद्यार्थियों के अभिभावकों से भी मिले. विवि की स्थिति की जानकारी ली.
इससे पूर्व टीम के अध्यक्ष प्रो एएम पठान के साथ सदस्य प्रो सुधा रानी पांडेय, प्रो आरकेएस धाकरे, प्रो जयप्रकाश मुकुंद लाल द्विवेदी, प्रो पी गीथा, प्रो एसके द्विवेदी अौर प्रो नम्रता शर्मा विवि मुख्यालय पहुंचे.
जहां कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय, प्रतिकुलपति प्रो कामिनी कुमार, रजिस्ट्रार डॉ अमर कुमार चौधरी, डीएसडब्ल्यू डॉ एससी गुप्ता, आइक्वेक के डॉ संजय मिश्रा, एचआरडीसी के निदेशक डॉ अशोक कुमार चौधरी सहित अन्य अधिकारियों ने विधिवत स्वागत किया. विवि के कुलपति ने सदस्यों को अपना प्रेजेटेंशन दिखाया. इसमें विवि के इतिहास के साथ-साथ वर्तमान स्थिति अौर विवि की ढेरों उपलब्धियों तथा विभागीय कार्यप्रणाली से सदस्यों को अवगत कराया. रात में राजभवन की तरफ से रात्रि भोज का आयोजन किया गया. नैक टीम के सदस्यों से राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुरमू नेमुलाकात की. मौके पर विवि के कुलपति, प्रतिकुलपति सहित कई वरीय अधिकारी भी उपस्थित थे. रांची वीमेंस कॉलेज, निर्मला कॉलेज, स्नातकोत्तर विभागों सहित अन्य जगहों के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम काआयोजन किया.
टीम के सदस्यों ने स्वीकार किया कि शिक्षकों की कमी से पढ़ाई की गुणवत्ता घट रही है. यह स्थिति सिर्फ रांची विवि ही नहीं, बल्कि पूरे देश में है. कई विषयों में गुणवत्तायुक्त शिक्षकों की कमी हो गयी है या फिर शिक्षण कार्य में आ नहीं रहे हैं. यह बड़ी समस्या है. सदस्यों ने शिक्षकों के स्वीकृत पद व कार्यरत की जानकारी मांगी.
विभागीय परिसर का मुआयना करने के बाद सदस्य विभाग के छात्रों से भी मिले. जिन विभागों में पढ़ाई चल रही थी. सदस्य क्लास रूम में घुस कर छात्रों से संबंधित विषय की जानकारी हासिल की. जिसका बखूबी से विद्यार्थियों ने जवाब दिया. टीचिंग असिस्टेंट के बारे में सदस्यों ने जानकारी हासिल की अौर उनके कार्यों के बारे में जाना.
रांची विवि में नैक टीम के मूल्यांकन दौरा में छात्र संघ के निर्वाचित प्रतिनिधियों को मिलने नहीं दिये जाने से पीजी छात्र संघ नाराज है. संघ के अध्यक्ष तनुज खत्री ने कहा है कि विवि प्रशासन द्वारा अपने खास छात्र नेताअों को ही नैक टीम से मिलने दिया जा रहा है. पीजी छात्र संघ इसका विरोध करते हुए 18 अप्रैल को कुलपति का पुतला दहन करेगा. यह कार्यक्रम मोरहाबादी स्थित पीजी छात्र संघ कार्यालय के समक्ष अपराह्न तीन बजे किया जायेगा.
जेसीइसीइबी के परीक्षा नियंत्रक को उपस्थित होने का दिया निर्देश
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी बुलाया गया
मामला राज्य सरकार की छह अप्रैल 2017 की अधिसूचना को चुनाैती देने का
रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सोमवार को स्नातकोत्तर (पीजी) मेडिकल में नामांकन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव व झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (जेसीइसीइबी) के परीक्षा नियंत्रक को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि उक्त अधिकारी उपस्थित होकर सुनवाई में सहयोग दें.
मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने पक्ष रखा, जबकि हस्तक्षेपकर्ता की अोर से अधिवक्ता ऋषि पल्लव ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अमर प्रताप व अन्य की अोर से याचिका दायर की गयी है. प्रार्थी की अोर से संशोधित याचिका (आइए) दायर कर छह अप्रैल 2017 को राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को चुनाैती दी गयी है. झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद द्वारा पीजी मेडिकल में नामांकन के लिए पहली काउंसलिंग की गयी है.
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