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अस्पतालों व सप्लायरों ने माना…मरीजों से ली गयी अधिक राशि

रांची : राजधानी के कई हड्डी अस्पतालों व सप्लायरों ने माना कि हड्डी इंप्लांट के वास्तविक मूल्य से अधिक राशि मरीजों से ली गयी है. राज्य औषधि निदेशालय को भेजे गये पत्र में अस्पतालों व सप्लायरों ने कहा है कि इंप्लांट की खरीद व बिक्री करते समय पर कुछ नियमों का पालन नहीं किया गया […]

रांची : राजधानी के कई हड्डी अस्पतालों व सप्लायरों ने माना कि हड्डी इंप्लांट के वास्तविक मूल्य से अधिक राशि मरीजों से ली गयी है. राज्य औषधि निदेशालय को भेजे गये पत्र में अस्पतालों व सप्लायरों ने कहा है कि इंप्लांट की खरीद व बिक्री करते समय पर कुछ नियमों का पालन नहीं किया गया है और हमसे गलती हुई है.
हालांकि कई अस्पतालों एवं सप्लायरों का जवाब आना अभी बाकी है, लेकिन जिन अस्पतालों एवं सप्लायरों ने अपना पक्ष रखा है, इससे यह प्रतीत होता है कि उन्होंने मरीजों से अधिक पैसा लिया. राज्य औषधि निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि सभी का स्पष्टीकरण अाने के बाद समीक्षा की जायेगी और राज्य सरकार से कार्रवाई के लिए अनुमति मांगी जायेगी. अस्पतालों व सप्लायरों को नयी गाइड लाइन जारी की जायेगी. इसमें निदेशालय स्पष्ट निर्देश देगा सप्लायर व अस्पताल मरीजों को इंप्लांट की रसीद दें. गौरतलब है कि प्रभात खबर ने 30 जनवरी के अंक में इससे संबंधित खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इसके बाद राज्य सरकार ने जांच टीम गठित की थी.
अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ करने वालों पर कानूनी कार्रवाई
हड्डी इंप्लांट के जिन सप्लायरों ने अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ की है, उन पर निदेशालय कानूनी कार्रवाई करेगा. निदेशालय स्तर से ऐसे सप्लायरों का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है या उन पर प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है. गौरतलब है कि जांच टीम ने फरवरी में सप्लायरों के यहां जांच की थी, जिसमें एक सप्लायर के यहां उपलब्ध इंप्लांट पर एमआरपी दर्ज नहीं था. लेबल के अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ की गयी थी. वहीं जिन सप्लायरों की दुकानें बंद थीं, उन पर औषधि निरीक्षक नजर रखेंगे कि प्रतिष्ठान खुलता है या नहीं. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में निदेशालय को यह सुझाव दिया था कि राज्य में इंप्लांट के क्रय के लिए नीति निर्धारित की जाये.
सप्लायरों ने अपना पक्ष रखा है, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया है कि उनसे गलती हुई है. रिपोर्ट आने के बाद समीक्षा की जायेगी और जो गलती किये हैं उन पर कार्रवाई के लिए सरकार से अनुमति मांगी जायेगी. जिन सप्लायरों ने एमआरपी के अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ की है, उन पर भी कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
सुरेंद्र प्रसाद, संयुक्त निदेशक, औषधि

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