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हिमस्खलन में दबी सैन्य चौकी झारखंड के तीन जवान शहीद
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र के बटालिक सेक्टर में हिमस्खलन में सैन्य चौकी दब गयी, जिसमें झारखंड के तीन सैनिक शहीद हो गये, जबकि दो को जीवित बचा लिया गया. शहीदों में पाकुड़ के लांस नायक बिहारी मरांडी, इटकी के हवलदार प्रभु तिर्की और मांडर के जवान कुलदीप लकड़ा हैं. सैन्य अधिकारी ने बताया कि […]
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र के बटालिक सेक्टर में हिमस्खलन में सैन्य चौकी दब गयी, जिसमें झारखंड के तीन सैनिक शहीद हो गये, जबकि दो को जीवित बचा लिया गया. शहीदों में पाकुड़ के लांस नायक बिहारी मरांडी, इटकी के हवलदार प्रभु तिर्की और मांडर के जवान कुलदीप लकड़ा हैं. सैन्य अधिकारी ने बताया कि अप्रत्याशित बर्फबारी से कई बार हिमस्खलन हुआ, जिससे सैन्य चौकी बर्फ के नीचे दब गयी. तीनों के शव बरामद कर लिये गये हैं.
इटकी के सेमरा में पसरा मातम : शहीद जवानों में इटकी के सेमरा गांव निवासी प्रभु सहाय तिर्की (45) भी शामिल हैं. शुक्रवार को परिजनों को यह मनहूस खबर मिली. हालांकि देर शाम तक उनकी मां बिरजमनी तिर्की को घटना की जानकारी नहीं दी गयी थी. पड़ोसी सांत्वना देने घर पहुंचने लगे, तो उन्हें अपने पुत्र के शहीद होने की जानकारी मिली. इटकी थाने की पुलिस ने आठ अप्रैल को शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचने की बात कही है. 21 बिहार बटालियन के जवान प्रभु हवलदार के पद पर कार्यरत थे.
पांच भाई- बहनों में वह दूसरे नंबर पर थे. बड़े भाई मनीष व छोटे भाई जॉन सलील ने बताया कि वर्ष 1994 में वह दानापुर कैंट में बतौर फौजी नियुक्त हुए थे. उनकी शुरुआती पढ़ाई इटकी के संत स्टीफेन स्कूल व बाद में रांची के ऑक्सफोर्ड स्कूल में हुई थी. उनके पिता सुनील तिर्की की मौत हो चुकी है. प्रभु सहाय की शादी 15 वर्ष पहले जोन्हा के खेरवा कोचा गांव की सुचिता तिर्की के साथ हुई थी. पत्नी सुचिता अपने दोनों पुत्रों के साथ रांची के लोवाडीह में किराये के एक मकान में रहती है. 11 वर्षीय पुत्र अक्षय अंकित व नौ वर्षीय पुत्र अनिश अंकित आर्मी स्कूल में पढ़ते हैं.
इकलौते बेटे कुलदीप के शहीद होने पर परिवार को है नाज : शहीद कुलदीप लकड़ा (22) मांडर के बिसाहाखटंगा जोल्हा टोली के रहनेवाले थे. उनके पिता जेवियर लकड़ा को अपने इकलौते पुत्र की शहादत पर गर्व है. उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि मेरा पुत्र देश सेवा में लगा था और शहीद हुआ है. उसकी तीन बहनें हैं. उसके दुनिया से चले जाने के बाद उनके परिवार को कोई देखने वाला नहीं बचा. बड़ी बहन सेलिन लकड़ा ने कहा कि उसका भाई देश के लिए शहीद हुआ है, जिस पर उसके परिवार को नाज है. कुलदीप ने न सिर्फ परिवार का नाम ऊंचा किया, बल्कि अपने गांव व राज्य का नाम भी रोशन किया है.
जून में होनेवाली थी शादी
कुलदीप लकड़ा की जून में शादी होनेवाली थी. उसके शहीद होने की सूचना मिलने पर जोल्हाटोली आयी उसकी मंगेतर अनिता बेक ने बताया कि चार अप्रैल को उसकी फोन पर कुलदीप से बात हुई थी, तब उसने कहा था कि सब ठीक है. मैं मई के आखिरी या फिर जून के पहले सप्ताह में छुट्टी पर घर आऊंगा, इसके बाद हमारा लोटा-पानी हो जायेगा, तुम अपना ख्याल रखना.
ग्रामीणों को देश सेवा की कहानियां बताते थे बिहारी
शहीदों में एक बिहारी मरांडी पाकुड़ जिला के हिरणपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत रामनाथपुर गांव के रहनेवाले थे. परिजनों को इसकी जानकारी गुरुवार रात करीब साढ़े नौ बजे फोन से मिली. खबर मिलते ही पूरे घर में मातम छा गया. परिजनों के मुताबिक वह हरदिल अजीज था. चार भाइयों में वह तीसरे नंबर पर थे. इस साल परिजन उसकी शादी करना चाहते थे. उसके तीन भाई अर्द्धसैनिक बल में हैं.
सरल स्वभाव के थे.
शहीद जवान बिहारी मरांडी तीनपहाड़ के मुरली मिशन से मैट्रिक की परीक्षा पास की़ साहिबगंज कॉलेज से इंटर व इग्नू से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद फौज में चले गये. वे जब भी छुट्टी में गांव आते थे, लोगों को देशभक्ति व देश सेवा की कहानियां सुनाते थे.
शहीद के परिजनों को दो-दो लाख देगी सरकार : रघुवर
रांची. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जम्मू कश्मीर में शहीद हुए झारखंड के वीर सपूतों के निधन पर दुख: जताया है. साथ ही वीर शहीदों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि मां भारती की रक्षा करते हुए तीनों सपूतों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिया. इनका बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा. राज्य की सवा तीन करोड़ जनता और सरकार उनके परिजनों के साथ है.
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