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ट्रैफिक व्यवस्था: स्वत: सड़क जाम से निबटने के लिए गठित की क्रैक टीम
राजधानी रांची की सड़कों पर आये दिन लगने वाले जाम को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की. इस दौरान हाइकोर्ट ने राज्य सरकार, जिला प्रशासन, रांची नगर निगम और प्रार्थी को आपस में बैठ कर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार पर विचार करने का निर्देश दिया. साथ ही […]
राजधानी रांची की सड़कों पर आये दिन लगने वाले जाम को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की. इस दौरान हाइकोर्ट ने राज्य सरकार, जिला प्रशासन, रांची नगर निगम और प्रार्थी को आपस में बैठ कर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार पर विचार करने का निर्देश दिया. साथ ही अगली सुनवाई से पहले प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी.
रांची: शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर हाइकोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान के तहत इस जनहित याचिका पर सुनवाई चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने की. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि ग्रामीण इलाकों से शहरों में सब्जी या अन्य समान बेचने लोग आते हैं. इनसे बैठने देने के बदले में बिचौलियों द्वारा पैसों की वसूली की जाती है, इसे बंद किया जाना चाहिए. रांची में विभिन्न जगहों पर वेंडिंग जोन बनाकर फुटपाथ दुकानदारों के लिए व्यवस्था की जाये, ताकि ट्रैफिक बाधित न हो.
इससे पूर्व सुनवाई के दाैरान उपस्थित ट्रैफिक एसपी संजय रंजन सिंह ने शपथ पत्र दायर कर खंडपीठ को बताया कि राजधानीवासियों को सड़क जाम से जल्द निजात मिल जायेगी. जाम से निपटने के लिए प्रशासन की अोर से पहल शुरू कर दी गयी है. जल्द ही रातू रोड, सरकुलर रोड सहित दो-तीन सड़कों को वन-वे किया जायेगा. जाम से निपटने के लिए सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक क्रैक टीम का गठन किया गया है. जाम होने पर क्रैक टीम उसे हटाने आैर यातायात चालू कराने का काम करेगी. इसे तीन चरण में लागू करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. फुटपाथ दुकानदारों के लिए सुरक्षित जगह की तलाश कर उन्हें फुटपाथ से हटाया जायेगा. पार्किंग के लिए जगह का चयन किया जा रहा है. नये जगह की भी तलाश की जा रही है. ऑटो स्टैंड, स्टॉपेज के लिए भी जगह चिह्नित की जा रही है. बैटरीवाले ई-रिक्शा को भी कई भागों में बांट दिया गया है. जहां-तहां वाहन पार्किंग करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. पार्किंग शुल्क वसूलने की जिम्मेवारी दी गयी है.
कॉमर्शियल कांप्लेक्स के सामने के गिफ्ट एरिया से हटेंगे अवरोधक : रांची नगर निगम की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि पार्किंग व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए कॉमर्शियल कांप्लेक्स के सामने की गिफ्ट की गयी जमीन से लोहे अथवा कंक्रीट की चहारदीवारी को हटाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है. अलग-अलग जगहों के लिए पार्किंग शुल्क अलग-अलग लेने की व्यवस्था की गयी है. गलत पार्किंगवाले वाहन को उठाने के लिए 12 क्रेन मशीन वाहन की व्यवस्था की गयी है, जो अनधिकृत स्थलों पर खड़े वाहनों को उठाने का काम करेगी.
अवैध वसूली पर चीफ जस्टिस ने सुनाया अनुभव
सुनवाई के दाैरान ट्रैफिक पुलिस द्वारा अवैध राशि वसूलने के प्रार्थी की बात पर चीफ जस्टिस ने अपने अनुभव शेयर किया. उन्होंने कहा कि एक बार पासपोर्ट वेरिफिकेशन के लिए अोड़िशा पुलिस ने उनके पुत्र से 200 रुपये वसूले थे. पुलिस रुपये लेकर डिब्बे में डालती थी. बाद में उसे खोला जाता था. जब पता चला कि साहब के पुत्र से पैसा ले लिये गये हैं, तो पहले ही पासपोर्ट का वेरिफिकेशन कर दिया गया आैर पुलिस दो साै रुपये वापस करने लगी. पुत्र ने कहा कि जो पैसा दिया था, वही पैसा वापस लेंगे. चीफ जस्टिस ने माैखिक रूप से कहा कि पुलिस का पैसा लेने का काम यहीं नहीं है, अोडिशा में भी जस्टिस के बेटे से लिया था. यह राष्ट्रीय समस्या बन गयी है. इसे संभालना मुश्किल हो गया है.
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