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टेंडर रद्द होने के बाद दिया 38 करोड़ रुपये का काम

रांची : झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने रद्द हो चुके टेंडर के आधार पर ही एक कंपनी को काम दे दिया है. लोहरदगा जिले में ग्रामीण विद्युतीकरण का यह काम करीब 38.5 करोड़ का है. इस काम के लिए टेंडर (225/पीआर/जेबीवीएनएल/15-16) वित्तीय वर्ष 2015-16 में निकाला गया था. पंडित दिनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण (पहले […]

रांची : झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने रद्द हो चुके टेंडर के आधार पर ही एक कंपनी को काम दे दिया है. लोहरदगा जिले में ग्रामीण विद्युतीकरण का यह काम करीब 38.5 करोड़ का है. इस काम के लिए टेंडर (225/पीआर/जेबीवीएनएल/15-16) वित्तीय वर्ष 2015-16 में निकाला गया था.
पंडित दिनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण (पहले राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण) योजना संबंधी भारत सरकार के दिशा-निर्देश संबंधी कुछ तकनीकी कारणों से पहले निकाला गया टेंडर रद्द हुअा था. इसी टेंडर के आधार पर एक ज्वाइंट वेंचर को कार्यादेश जारी कर दिया गया. राज्य 20 सूत्री के सदस्य लखन मार्डी ने इसकी शिकायत विकास आयुक्त से की. इसके बाद विकास आयुक्त अमित खरे ने 31 जनवरी 17 को ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके श्रीवास्तव से इस संबंध में एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी थी, जो आज तक नहीं मिली है.
आरोपियों पर कार्रवाई की मांग : आरोप यह भी है कि उपरोक्त टेंडर के लिए जिन दो कंपनियों अोड़िशा की न्यू मॉडर्न टेक्नोमेक प्राइवेट लिमिटेड तथा एकेएस कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (शकुंतला कुंज, जेएसइबी फुटबॉल ग्राउंड के पास, कुसई, डोरंडा रांची) के साथ ज्वाइंट वेंचर का करार किया गया था, जो रद्द हो गया है. फिर उसी ज्वाइंट वेंचर को काम नहीं दिया जा सकता. इन्हीं आरोपों के मद्देनजर ज्वाइंट वेंचर को आवंटित कार्य रद्द करने तथा मामले की जांच कर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की गयी है.

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