स्वास्थ्य सचिव रिवाइज्ड नेशनल टीबी कंट्रोल प्रोग्राम एवं नेशनल एड्स कंट्राेल प्रोग्राम द्वारा आयोजित 99 डॉट्स पोर्टल की लांचिंग के मौके पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि एचआइवी व टीबी मरीजों को ट्रैकिंग करने लिए यह अच्छा प्रयास किया गया है. एक साथ बीमारियों को जोड़ा गया है, जिससे एआरटी सेंटर पर एचआइवी व टीबी की दवा दी जायेगी. हर क्षेत्र में सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जा रहा है. निदेशक प्रमुख डॉ प्रवीण चंद्रा ने कहा कि इस सेवा के शुरू होने से एचआइवी मरीजों की मृत्यु दर में कमी आयेगी. रिम्स सीबीनेट मशीन स्वयं खरीदने में सक्षम है, इसलिए पैसा के लिए केंद्रीय सहयोग की आशा न करें. सीबीनेट ज्यादा महंगी मशीन नहीं है. इससे टीबी के मरीजाें की एडवांस स्क्रीनिंग यहां संभव हो पायेगी. प्रभारी निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव ने कहा कि इससे इलाज की नयी दिशा की ओर हम आगे बढ़ेंगे. इससे मरीज व उसके द्वारा लिये जा रहे दवा की माॅनिटरिंग की जा सकती है.
कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ जेके मित्रा ने कहा कि दवा के स्ट्रीप पर टॉल फ्री नंबर दिया गया है, जिस पर मरीज कॉल कर सकते हैं. अगर मरीज दवा नहीं खाता है, तो इसकी पूरी जानकारी पर्यवेक्षक व सुपरवाइजर को मिल जायेगी. इससे मरीज से पूछताछ आसान हो जायेगी.