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क्या नियमों के पालन का ठेका केवल शहर के आमलोगों ने ही उठा रखा है?
देश के स्वच्छ 500 शहरों के चयन का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. राजधानी को स्वच्छ शहरों की सूची में शामिल कराने के लिए रांची नगर निगम प्रयत्नशील है. जनता से स्वच्छता बरतने की अपील की जा रही है. हालांकि, खुद विभागों को इसकी परवाह नहीं है. बात उन सरकारी भवनों और कार्यालयों की हो […]
देश के स्वच्छ 500 शहरों के चयन का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. राजधानी को स्वच्छ शहरों की सूची में शामिल कराने के लिए रांची नगर निगम प्रयत्नशील है. जनता से स्वच्छता बरतने की अपील की जा रही है. हालांकि, खुद विभागों को इसकी परवाह नहीं है. बात उन सरकारी भवनों और कार्यालयों की हो रही है, जहां शौचालय तो हैं, लेकिन या तो उनकी स्थिति दयनीय है या फिर उनमें ताले लगे हुए हैं. ऐसी स्थिति में यहां आनेवालों खुले में शौच या लघुशंका करें, तो दोष कहां है?
रांची: रांची नगर निगम की ओर से पूरी राजधानी में 34 हजार शौचालय बनाये जा रहे हैं. इसके अलावा 80 मॉडयूलर टॉयलेट व 20 स्लमों में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कार्य किया जा रहा है. सरकार व निगम के अधिकारी लोगों से यह अपील कर रहे हैं कि वे अधिक से अधिक शौचालय का उपयोग करें. वहीं सरकार के अपील का दूसरा पहलू यह भी है कि जिन भवनों में ये सरकार के अधिकारी बैठते हैं, वहां आमआदमी को शौचालय जाने की अनुमति ही नहीं है. यहां पर ये हुक्मरान शौचालयों में ताला बंद कर रखते हैं.
समाहरणालय भवन
इस भवन में डीसी, एसएसपी, एसडीओ सहित सीओ व कार्यपालक दंडाधिकारियों के कार्यालय हैं. प्रतिदिन पांच हजार से अधिक ग्रामीण क्षेत्र के लोग यहां अपने दैनंदिन के कार्य के लिए आते हैं. हरे रंग के शिशे वाले इस बिल्डिंग में शौचालय तो बना हुआ है. परंतु अधिकतर शौचालयों में ताला लगा रहता है. नतीजा यहां आनेवाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. प्रथम तल में बने शौचालय की तो हालत इतनी बुरी है कि उसमें नाक पर रूमाल डाल कर भी कोई अंदर जाने की हिम्मत नहीं करेगा.
नगर निगम भवन
शहर में स्वच्छता अभियान व लोगों को शौचालय का उपयोग करने का स्लोगन देने वाला रांची नगर निगम ही है. पूरे शहर के साफ सफाई की जिम्मेवारी भी रांची नगर निगम पर ही है. इस भवन में प्रतिदिन पांच से 10 हजार लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंचते हैं. भवन के हर फ्लोर में शौचालय बना हुआ है, लेकिन इन शौचालयों की हालत खस्ता है. ग्राउंड फ्लोर में बने यूरिनल की हालत ऐसी है कि इसमें जाने से पहले आदमी को नाक में रूमाल डालना पड़ता है. प्रथम तल के यूरिनल में भी जगह जगह नल टूटे हुए हैं.
प्रगति भवन (आरआरडीए)
कचहरी स्थित प्रगति सदन भवन में आरआरडीए का कार्यालय संचालित होता है. भवन के तीसरे तल्ले पर पूरे राज्य के विकास कार्यों काे अमली जामा पहनाने वाला जुडको का कार्यालय संचालित होता है. परंतु इस बिल्डिंग में भी शौचालय की हालत खराब है. प्रथम तल के शौचालय पूरी तरह से गंदा है. वहीं, दूसरे तल्ले में जो महिलाओं के लिए शौचालय बना हुआ है. उसमें हर दम ताला बंद रहता है. हालांकि, तीसरे तल्ले में संचालित जुडको के कार्यालय में शौचालयों की हालत दुरुस्त है.
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