जानकारी के मुताबिक 10.50 करोड़ रुपये की लागत से चाईबासा उप कारा निर्माण का काम तीन साल पहले शुरू किया गया था. तत्कालीन जेल आइजी ने निर्माण में गड़बड़ी पकड़ी और इसकी शिकायत गृह विभाग से की थी. गृह विभाग ने निर्माण पर रोक लगाते हुए भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता के नेतृत्व में जांच कमेटी बनायी. कमेटी में जेल आइजी व गृह विभाग के एक अधिकारी को शामिल किया गया था. दो साल तक कमेटी ने जांच नहीं की. इस दौरान भवन निर्माण विभाग ने कार्यपालक अभियंता से जांच करा ली. इसमें कहा गया है कि ठेकेदार ने काम करने से इनकार किया है. इसलिए ठेकेदार द्वारा कराये गये निर्माण कार्य की राशि का भुगतान कर दिया जाये और नये सिरे से टेंडर कर चाईबासा उप कारा का निर्माण कराया जाये.
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भवन निर्माण विभाग ने उप कारा निर्माण के ठेकेदार को बचाया
रांची: चाईबासा में उप कारा (सब जेल) का निर्माण करनेवाले ठेकेदार को बचाने की कोशिश की गयी है. जेल आइजी ने इससे संंबंधित पत्र गृह विभाग को लिखा है. इसमें कहा गया है कि नक्शा विचलन और निर्माण में गड़बड़ी की जांच के लिए कमेटी बनायी गयी थी. भवन निर्माण विभाग ने कमेटी से जांच […]
रांची: चाईबासा में उप कारा (सब जेल) का निर्माण करनेवाले ठेकेदार को बचाने की कोशिश की गयी है. जेल आइजी ने इससे संंबंधित पत्र गृह विभाग को लिखा है. इसमें कहा गया है कि नक्शा विचलन और निर्माण में गड़बड़ी की जांच के लिए कमेटी बनायी गयी थी. भवन निर्माण विभाग ने कमेटी से जांच नहीं करायी और कार्यपालक अभियंता की जांच रिपोर्ट के आधार पर ठेकेदार को क्लीन चीट दे दी. साथ ही ठेकेदार द्वारा किये गये निर्माण का भुगतान करने और उप कारा निर्माण का टेंडर नये सिरे से करने की अनुशंसा की है.
जानकारी के मुताबिक 10.50 करोड़ रुपये की लागत से चाईबासा उप कारा निर्माण का काम तीन साल पहले शुरू किया गया था. तत्कालीन जेल आइजी ने निर्माण में गड़बड़ी पकड़ी और इसकी शिकायत गृह विभाग से की थी. गृह विभाग ने निर्माण पर रोक लगाते हुए भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता के नेतृत्व में जांच कमेटी बनायी. कमेटी में जेल आइजी व गृह विभाग के एक अधिकारी को शामिल किया गया था. दो साल तक कमेटी ने जांच नहीं की. इस दौरान भवन निर्माण विभाग ने कार्यपालक अभियंता से जांच करा ली. इसमें कहा गया है कि ठेकेदार ने काम करने से इनकार किया है. इसलिए ठेकेदार द्वारा कराये गये निर्माण कार्य की राशि का भुगतान कर दिया जाये और नये सिरे से टेंडर कर चाईबासा उप कारा का निर्माण कराया जाये.
जांच के नाम पर दो साल मामला लटका रहा. लेकिन जांच नहीं हुई. इसलिए वर्ष 2016 के शिड्यूल रेट से नया प्राक्कलन तैयार कर गृह विभाग को भेजा गया है. आदेश मिलने के बाद निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
जेएन दास, मुख्य अभियंता, भवन निर्माण विभाग
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