रांची: होटवार स्थित मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में पैक्स के तत्वावधान में आयोजित जन उत्सव में वनाधिकार अधिनियम एवं मनरेगा पर चर्चा हुई. आदिवासी कल्याण आयुक्त जेपी लकड़ा ने कहा कि वनाधिकार कानून के बारे में जनसाधारण के बीच और जागरूकता फैलाने की जरूरत है. उन्होंने वनाधिकार से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी दी.
पैक्स के स्टेट मैनेजर जॉनसन टोपनो ने कहा कि झारखंड में व्यक्तिगत पट्टा दो प्रतिशत से भी कम दिया गया है, जबकि सामुदायिक पट्टा तो और भी कम है.
वनाधिकार को जनता तक पहुंचाने के लिए कई संस्थाएं लगी हैं. कनाडा से आये शोधार्थी राणा रॉय ने कहा कि आजादी के बाद से पांच करोड़ लोग बिना पुनर्वास और मुआवजा के वनभूमि से विस्थापित हुए हैं. ऐसा इसलिए हुआ कि वनभूमि को सरकारी संपत्ति माना गया. वनाधिकार के तहत लोगों को उनका हक दिलाने में ग्राम सभाओं की सबसे प्रमुख भूमिका है.
वनाधिकार के क्रियान्वयन में झारखंड पूरे देश में सबसे फिसड्डी है. सामाजिक कार्यकर्ता वासवी किड़ो ने कहा कि झारखंड में वनाधिकार लागू करने के लिए और प्रयास करने की जरूरत है. मंथन युवा संस्थान के सुधीर पॉल सहित अन्य ने भी संबोधित किया. मनरेगा के संबंध में गुरजीत सिंह, राहुल सहित अन्य वक्ताओं ने अपने विचार रखें. कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए. विभिन्न जिलों से आये प्रतिनिधियों ने जनगीत पेश किये.