इसके अलावा सिक्यूरिटी रिलेटेड एक्सपेंडीचर (एसआरई) के तहत राशि दिये जाने की योजना को चालू रखने की बात कही गयी है. एसआरई योजना के तहत केंद्र सरकार नक्सल प्रभावित जिलों और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों को राशि देती है. जानकारी के मुताबिक चर्चा के दौरान यह बात सामने आयी कि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नक्सल सरेंडर पॉलिसी है.
इस कारण नक्सलियों को समझाने में राज्यों की पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों को परेशानी होती. सरेंडर करनेवाले नक्सली दूसरे राज्यों में मिलनेवाली सुविधा की मांग करते हैं, जबकि संबंधित राज्य की सरेंडर पॉलिसी इसकी इजाजत नहीं देती. महाराष्ट्र में नक्सलियों के मुकदमे वापस ले लिये जाते हैं. इसी तरह आंध्रप्रदेश सरकार की सरेंडर पॉलिसी ज्यादा बेहतर है. ओड़िशा की सरेंडर पॉलिसी भी बेहतर है. इस कारण झारखंड में सक्रिय नक्सली भी ओड़िशा में जाकर सरेंडर करते हैं. झारखंड में नक्सलियों पर ज्यादा इनाम की घोषणा है. सरेंडर करने पर इनाम की राशि नक्सलियों को मिलती है.