रांची: निलंबित थानेदार रणविजय सिंह से गुरुवार को फिर से ग्रामीण एसपी राज कुमार लकड़ा ने बयान लिया. वह नरकोपी थाना से थानेदार के पद से निलंबित होने के बाद रहस्यमय तरीके से लापता थे. पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि उनका अपहरण नहीं हुआ था. एक उम्र के बाद किसी भी मनुष्य का जीवन […]
रांची: निलंबित थानेदार रणविजय सिंह से गुरुवार को फिर से ग्रामीण एसपी राज कुमार लकड़ा ने बयान लिया. वह नरकोपी थाना से थानेदार के पद से निलंबित होने के बाद रहस्यमय तरीके से लापता थे. पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि उनका अपहरण नहीं हुआ था. एक उम्र के बाद किसी भी मनुष्य का जीवन अध्यात्म की ओर चला जाता है.
मेरी उम्र हो चुकी है. मेरी नौकरी भी करीब एक साल बची है. इसलिए उम्र के हिसाब से मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था. मैं अपनी स्वेच्छा से अाध्यात्मिक ज्ञान की तलाश में अयोध्या गया था. वहां मैं राम घाट के किनारे भीख मांग कर खाता था. प्रवचन सुनने और तपस्या से मुझे ज्ञान की प्राप्ति हुई. उनसे पूछा गया कि आप नौकरी से इस्तीफा देने वाले हैं या साधु का जीवन जीने वाले हैं या वापस पुलिस की नौकरी में रहेंगे. इस पर रणविजय सिंह ने बताया कि वह अयोध्या से लौटना नहीं चाहते थे. वह साधु बन कर ही रहना चाहते थे. इसलिए उन्होंने अयोध्या जाने के बाद अपने परिवार के किसी सदस्य से कभी संपर्क भी नहीं किया. किसी तरह उनके परिवार के सदस्यों को उनके अयोध्या में होने की जानकारी मिली. इसके बाद वे अयोध्या जाकर उन्हें लेकर रांची पहुंचे. रणविजय सिंह ने बताया कि अब वे पुलिस में रहते हुए भी साधु की तरह जीवन जीना पसंद करेंगे.
ग्रामीण एसपी राज कुमार लकड़ा ने बताया कि वापस आने के बाद रणविजय सिंह ने पुलिस लाइन में गुरुवार को योगदान दे दिया है. उन्होंने एक आवेदन भी दिया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि उनकी मानसिक स्थिति अचानक खराब हो गयी थी. इसलिए वे अयोध्या चले गये थे. ग्रामीण एसपी ने बताया कि रणविजय सिंह की पत्नी ने उनके लापता होने के बाद नरकोपी थाना के पुलिस कर्मियों पर अपहरण की आशंका जतायी थी. अब न्यायालय में अंतिम रिपोर्ट भेज कर सभी पुलिस कर्मियों को निर्दोष घोषित कर दिया जायेगा. रणविजय सिंह के हथियार और गोली गायब होने से संबंधित मामले की जांच चल रही है.
अनुसंधान में आये तथ्यों के आधार पर आगे कार्रवाई की जायेगी. उल्लेखनीय है कि नरकोपी थानेदार के पद पर रहते हुए गत वर्ष रणविजय सिंह की सरकारी पिस्टल और गोली गायब हो गयी थी. घटना के कुछ दिन बाद वह मार्च 2016 में रहस्यमय तरीके से लापता हो गये थे. बुधवार को रणविजय ग्रामीण एसपी राज कुमार लकड़ा से मिलने पहुंचे और उन्हें अपने अयोध्या से लौटने की जानकारी दी.