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कार्रवाई. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दिया आदेश, एनपीसीसी के अफसरों पर दर्ज होगी प्राथमिकी
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को लेकर केंद्रीय एजेंसी नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनपीसीसी) के अफसरों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने पाया था कि इस एजेंसी का काम कई जगहों पर त्रुटिपूर्ण है. इस दौरान ही अन्य एजेंसियों ने त्रुटिपूर्ण काम को […]
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को लेकर केंद्रीय एजेंसी नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनपीसीसी) के अफसरों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने पाया था कि इस एजेंसी का काम कई जगहों पर त्रुटिपूर्ण है. इस दौरान ही अन्य एजेंसियों ने त्रुटिपूर्ण काम को सुधार लेने का आश्वासन दिया था. पर एनपीसीसी के काम को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया और प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. विभाग के अफसरों के मुताबिक जहां-जहां इस एजेंसी के माध्यम से कार्यों में गड़बड़ी हुई है, वहां संबंधित अफसरों पर प्राथमिकी दर्ज करायी जा रही है. फिलहाल इसकी जांच भी चल रही है.
केंद्र को सीएम ने लिखा पत्र : पीएमजीएसवाइ के काम को लेकर मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को बताया है कि एजेंसियों द्वारा समय से काम नहीं कराये जाने की वजह से अभी योजनाअों की लागत काफी बढ़ गयी है. वहीं कई योजनाअों का काम हुआ ही नहीं. ऐसे में विभाग को ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी. उन्हें टर्मिनेट करना पड़ा. यहां तक कि उन्हें काली सूची में भी डालना पड़ा. ऐसे में योजनाएं पूरी नहीं हुई. साथ ही अब उन सारी योजनाअों की लागत काफी अधिक हो गयी है. पहले शत-प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देती थी. अब केंद्र सरकार व राज्य सरकार का शेयर क्रमश : 60 व 40 प्रतिशत का है. सारी योजनाअों व उनकी वर्तमान लागत को जोड़ने पर यह पाया गया कि करीब 1800 करोड़ का दायित्व सरकार के ऊपर हो गया है.
जन प्रतिनिधि लगातार उठा रहे हैं गड़बड़ी का मामला : राज्य के कुछ विधायक लगातार सड़क में गड़बड़ी का मामला उठा रहे हैं. मामला विधानसभा में उठने के बाद इसकी जांच शुरू करायी गयी है. अलग-अलग जिलों में इसे लेकर जांच हो रही है.
एनपीसीसी को कहां-कहां मिला था काम
ग्रामीण कार्य विभाग ने एनपीसीसी को गुमला, सरायकेला-खरसावां, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम व लातेहार जिले में काम दिया था. इस एजेंसी को सड़क निर्माण की ज्यादा योजनाएं दी गयी थी. इस एजेंसी को करीब 600 करोड़ रुपये का काम दिया गया था. शुरू में गुमला में राज्य सरकार के जेएसआरआरडीए द्वारा काम कराया जा रहा था. बाद में किसी दूसरी केंद्रीय एजेंसी को काम दिया गया. इसके बाद एनपीसीसी को काम आवंटित किया गया था.
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