रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने सोमवार को राज्य भर के सिविल कोर्ट परिसरों की सुरक्षा को मजबूत करने काे लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट की सुरक्षा को सख्त बनाने का निर्देश दिया. एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने कहा कि जमशेदपुर सिविल कोर्ट परिसर में पिछले […]
रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने सोमवार को राज्य भर के सिविल कोर्ट परिसरों की सुरक्षा को मजबूत करने काे लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट की सुरक्षा को सख्त बनाने का निर्देश दिया. एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने कहा कि जमशेदपुर सिविल कोर्ट परिसर में पिछले दिनों हुई गोलीबारी की घटना गंभीर मामला है. घटनाअों को रोकने का हर संभव उपाय किया जाना चाहिए. ऐसी व्यवस्था की जाये, ताकि कोई भी व्यक्ति अदालत में हथियार लेकर नहीं जा सके. यहां तक की निजी सुरक्षा गार्ड भी हथियार लेकर अदालत में नहीं जायेंगे.
कोर्ट परिसर में प्रवेश करनेवाले सभी प्रकार के वाहनों चाहे वह अधिवक्ताअों के ही क्यों नहीं हो, उसकी सुरक्षा जांच के बाद ही प्रवेश करने दिया जाये. खंडपीठ ने जिन अदालत परिसर में चहारदीवारी नहीं है अथवा टूटी हुई है, उसका निर्माण करने का निर्देश दिया. चहारदीवारी को ऊंचा करने की भी बात कही. सभी अदालतों में मेटल डिटेक्टर लगाने का भी निर्देश दिया.
खंडपीठ ने कोर्ट की सुरक्षा के लिए सभी पक्षों से सुझाव लेने की बात कही. वरीय अधिवक्ता बीएम त्रिपाठी व एमएम पाल को एमीकस क्यूरी नियुक्त किया गया. प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता राजीव रंजन व अधिवक्ता राम सुभग सिंह ने पक्ष रखा, जबकि राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता विनोद पोद्दार ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड स्टेट बार काउंसिल की अोर से जनहित याचिका दायर कर राज्यभर की जिला व अनुमंडलीय अदालतों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग की गयी है.