रांची: झारखंड के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में पुलों के निर्माण के लिए ठेकेदार नहीं मिल रहे हैं. बार-बार टेंडर निकाला जा रहा है, पर एक भी ठेकेदार टेंडर नहीं भर रहा है. यह स्थिति सुदूर गांवों की सड़कों पर पुल बनाने की नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय उच्च पथों की है. सात बार टेंडर के बावजूद 56 पुलों के लिए ठेकेदार नहीं मिले हैं. इन योजनाओं को वर्ष 2011 में ही स्वीकृति मिली थी. इस तरह एनएच 75, एनएच 99 व एनएच 100 के लिए स्वीकृत करीब 100 करोड़ की पुल योजना लटक गयी है.
86 पुलों की मिली थी स्वीकृति
केंद्र सरकार ने झारखंड में आठ पैकेज के तहत 86 पुलों के निर्माण की स्वीकृति दी थी. इसमें से एक पैकेज का टेंडर पांचवीं बार फाइनल हुआ, जबकि अन्य दो पैकेज का टेंडर सातवें टेंडर में फाइनल हो गया. शेष पांच पैकेज के लिए एक भी ठेकेदार नहीं मिले. इन पांच पैकेज में कुल 56 पुल हैं.
कहां बनने हैं पुल
एनएच 75 में चंदवा से मुरीसेमर (यूपी सीमा के पहले) तक
एनएच 99 में डोभी के आगे से चतरा-चंदवा मार्ग पर
एनएच 100 में बगोदर से चतरा के बीच
क्यों नहीं मिले ठेकेदार
विभागीय इंजीनियरों के मुताबिक, उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से ठेकेदार काम लेने से कतरा रहे हैं. ठेकेदार काम लें, इसके लिए विभाग के स्तर से भी पहल की गयी. ठेकेदारों से बात की गयी, फिर भी ठेकेदार टेंडर नहीं डाल रहे हैं.