रांची: इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट फैक्टरी (इइएफ) टाटीसिलवे, हाइटेंशन इंसुलेटर फैक्टरी सामलौंग, स्वर्णरेखा घड़ी कारखाना सामलौंग व मैलुबल कास्ट आयरन यूनिट सामलौंग के करीब एक हजार कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) मद में करीब 50 करोड़ रुपये बकाया है.
वहीं इन कर्मचारियों के पीएफ खाते में बमुश्किल डेढ़ करोड़ रुपये जमा हैं. इससे सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों को पीएफ का भुगतान नहीं हो पा रहा है. वेतन न मिल पाने से न तो कर्मचारी का और न ही कारखाना प्रबंधन का अंशदान पीएफ मद में हुआ है. इइएफ व हाइटेंशन में जब तक वेतन भुगतान हो चुका है, उस बीच का भी पीएफ एकाउंट अपडेट नहीं है. इससे सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों को पीएफ से लोन लेना पड़ रहा है. कई कर्मचारियों की तो पास बुक भी गायब बतायी जाती है.
कारखानों के महाप्रबंधक भी इस बात से इनकार नहीं करते. लगभग बंद इन कारखानों के कागजात दुरुस्त नहीं हैं. करीब 20 वर्षो से वेतन भुगतान ससमय नहीं होने से इन कारखानों के कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बदतर है. ऐसे में सेवानिवृत्त होने पर भी पीएफ का भुगतान न होना और भारी पड़ रहा है. इन कारखानों के पूर्व के महाप्रबंधकों ने भी इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया. इधर, कारखानों का करीब 10 साल का पीएफ ऑडिट भी नहीं हुआ है.
पूर्व के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया. मैं सभी कारखाने के इंटरनल ऑडिट की प्रक्रिया शुरू कर रहा हूं. इसके बाद पीएफ ऑडिट भी कराया जायेगा. अब जब कभी वेतन मिलेगा, पीएफ का पैसा भी साथ जमा किया जायेगा.
जयकांत साह, संयुक्त महाप्रबंधक (इइएफ, हाइटेंशन, स्वर्णरेखा घड़ी व मैलुबल कास्ट)