रांची: झारखंड सरकार की ओर से बाल श्रमिक आयोग के गठन पर अब विवाद हो गया है. राज्य के बाल श्रमिकों के पुनर्वास और उनकी बेहतर आजीविका के लिए गठित होनेवाले आयोग के लिए श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री चंद्रशेखर दुबे के पुत्र अजय दुबे का नाम सार्वजनिक होने पर मामला गरम हो गया है.
बात सार्वजनिक होने पर मंत्री अफसरों से नाराज भी हैं. बताते चलें कि तीन दिन पहले (11 फरवरी को) श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के प्रधान सचिव विष्णु कुमार खुद संचिका तैयार कर उसे विभागीय मंत्री के पास लेकर गये थे.
इसमें अध्यक्ष के लिए अजय दुबे और उपाध्यक्ष के लिए जवाहर महथा की नियुक्ति का प्रस्ताव है. फिलहाल संचिका मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास है. श्रम सचिव ने कहा कि वे इस मसले पर कुछ बोलना नहीं चाहते हैं. वहीं श्रमायुक्त ने फोन उठाना जरूरी नहीं समझा. सूत्र बताते हैं कि श्रमायुक्त कार्यालय से ही बाल श्रमिक आयोग के गठन की संचिका गोपनीय तरीके से भेजी गयी थी.
अजरुन मुंडा के कार्यकाल में भी आयोग की हुई थी पहल: तत्कालीन मुख्यमंत्री अजरुन मुंडा के कार्यकाल में भी बाल श्रम आयोग के गठन की संचिका बढ़ायी गयी थी. उस समय सरकार की ओर से आजसू विधायक रामचंद्र सहिस का नाम अध्यक्ष के पद के लिए सुझाया गया था, पर विधानसभा सदस्य के मना करने पर वापस श्रम विभाग के पास संचिका भेज दी गयी थी.