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फरजी दस्तावेज पर कोयला कारोबार का मामला : एंटी करप्शन ब्यूरो ने मांगी अपर आयुक्त पर एफआइआर की इजाजत
शकील अख्तर रांची : एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने फरजी दस्तावेज व अस्तित्व विहीन प्रतिष्ठानों के माध्यम से कोयले का व्यापार किये जाने के मामले में वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी है. इन अधिकारियों में वाणिज्यकर कर के अपर आयुक्त युगल किशोर, सलाहकार सुरेश सेराफिम, सेवानिवृत्त प्रधान लिपिक बैजनाथ […]
शकील अख्तर
रांची : एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने फरजी दस्तावेज व अस्तित्व विहीन प्रतिष्ठानों के माध्यम से कोयले का व्यापार किये जाने के मामले में वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी है. इन अधिकारियों में वाणिज्यकर कर के अपर आयुक्त युगल किशोर, सलाहकार सुरेश सेराफिम, सेवानिवृत्त प्रधान लिपिक बैजनाथ राम और कृष्ण कुमार वर्मा के नाम शामिल हैं. इन पर अस्तित्व विहीन प्रतिष्ठानों को टिन नंबर आवंटित करने का आरोप है. हालांकि विभाग ने एसीबी की इस मांग की समीक्षा के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बना दी है.
एसीबी के एसपी ने वाणिज्यकर विभाग के सचिव को पत्र भेजा है. पत्र के साथ प्रारंभिक जांच में मिले तथ्यों से संबंधित रिपोर्ट भी संलग्न है.
पत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री के निर्देश के आलोक में मामले की जांच के लिए जून 2015 में पीइ (11/15) दर्ज की गयी थी. जांच में पाया गया कि कुल 9088 ट्रकों के सहारे सीसीएल आदि से बेचे गये कोयले के वास्तविक मूल्य के बदले कम मूल्य का बीजक तैयार किया गया और टैक्स की चोरी की गयी. कोयले के इस व्यापार में मां भद्रकाली ट्रेडिंग, दक्षिणेश्वरी सेल्स और राशि ट्रेडिंग कंपनी शामिल थी. इन व्यापारिक प्रतिष्ठानों ने कोयले की ढुलाई की परमिट हासिल करने के लिए जिस ‘टिन’का इस्तेमाल किया था, उसकी भी जांच की गयी. पाया गया कि मां भद्रकाली ट्रेडिंग को 20831905271 नंबर टीन आवंटित किया गया था.
वाणिज्यकर अंचल रामगढ़ के दस्तावेज की जांच में पाया गया कि यह टीन नंबर 2006 में महेश ठाकुर को मिनरल और ईंट भट्ठा के व्यापार के लिए आवंटित किया गया था. इस व्यापारी ने 2008-09 तक व्यापार किया और अपना रिटर्न दाखिल किया. 2010 में इस व्यापारी ने अपना टिन नंबर रद्द करने के लिए आवेदन दिया था. इसके बाद महेश ठाकुर ने व्यापार नहीं किया. तत्कालीन उपायुक्त सुरेश सेराफिम ने यही टिन नंबर मां भद्रकाली को आवंटित कर दिया. इसमें तत्कालीन प्रधान लिपिक बैजनाथ राम ने मदद की थी. स्थल जांच के दौरान दस्तावेज में वर्णित मां भद्रकाली के पते पर कोई नहीं मिला, न ही किसी तरह की व्यापारिक गतिविधियां पायी गयीं.
दक्षिणेश्वरी सेल्स को टिन नंबर 2 20831906403 और राशि ट्रेडिंग को टीन नंबर 20641906133 आवंटित किया गया था. इन दोनों प्रतिष्ठानों को तत्कालीन उपायुक्त युगल प्रसाद ने टिन नंबर आवंटित किया था. इन प्रतिष्ठानों की जांच पड़ताल किये बिना ही टिन नंबर आवंटित करने में लिपिक कृष्ण कुमार वर्मा ने मदद की थी. राशि ट्रेडिंग द्वारा कोयले के व्यापार से संबंधित दस्तावेज में टाटा स्टील की घाटो स्थित कोलियरी से भी कोयला खरीदे जाने का उल्लेख किया गया. इस मामले में घाटो कोलियरी के मैनेजर सुनील कुमार ने राशि ट्रेडिंग को कोयला बेचे जाने की बात से इनकार किया.
क्या है मामला
2014 में वाणिज्यकर विभाग की जांच में पाया गया कि रामगढ़ के व्यापारिक प्रतिष्ठानों द्वारा कोयले के व्यापार में टैक्स की चोरी गयी है. इसके लिए फरजी दस्तावेज तैयार किये गये हैं.
विभिन्न कोलियरियों से आंकड़ा इकट्ठा करने के बाद मिली अनियमितताओं के मद्देनजर रामगढ़ थाने में इससे संबंधित प्राथमिकी (263/14) दर्ज करायी गयी थी. इसमें मां भद्रकाली, दक्षिणेश्वरी और राशि ट्रेडिंग को अभियुक्त बनाया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मई 2015 में जांच एसीबी के हवाले करने का आदेश दिया था.
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