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रिम्स में 499 रुपये तक की जांच हमेशा के लिए हो सकती है मुफ्त

रांच: राज्य के लोगों के लिए राहत भरी खबर है. रिम्स अपने संस्थान में 499 रुपये तक की जांच हमेशा के लिए मुफ्त कर सकता है. इस सेवा को शुरू करने की तैयारी में प्रबंधन जुट गया है. प्रबंधन का मानना है कि रिम्स एक सरकारी संस्था है, जिसका उद्देश्य पैसा कमाना नहीं बल्कि गुणवत्तापूर्ण […]

रांच: राज्य के लोगों के लिए राहत भरी खबर है. रिम्स अपने संस्थान में 499 रुपये तक की जांच हमेशा के लिए मुफ्त कर सकता है. इस सेवा को शुरू करने की तैयारी में प्रबंधन जुट गया है. प्रबंधन का मानना है कि रिम्स एक सरकारी संस्था है, जिसका उद्देश्य पैसा कमाना नहीं बल्कि गुणवत्तापूर्ण सेवा मरीजों को उपलब्ध कराना है. मरीजों की छोटी-छोटी जांच का खर्च रिम्स वहन कर सकता है. इससे प्रबंधन को बड़ी हानि नहीं हो सकती है. जानकारों की मानें, तो दिसंबर में होनेवाली शासी परिषद की बैठक में यह प्रमुख एजेंडा होगा. बैठक में सहमति बनने पर दिसंबर से ही इस सेवा को लागू कर दिया जायेगा.
अनावश्यक परेशानी से बचेंगे मरीज : 499 रुपये तक की सभी जांच हमेशा के लिए मुफ्त होने से मरीज कई परेशानियों से बच जायेंगे. डाॅक्टर से परामर्श के बाद मरीज को जांच परची कटवाने एवं फिर जांच कराने की लंबी लाइन लगने से निजात मिल जायेगी. मरीज के परिजनों पर आर्थिक बोझ भी कम होगा. गौरतलब है कि इसीजी की जांच रिम्स में 16 रुपये में हो जाती है, लेकिन इसके लिए कई घंटे लाइन में खड़ा रहना पड़ता है.
ये जांच हो जायेगी मुफ्त : इसीजी, इको व टीएमटी (हृदय), सुगर, टीएसएच (थायराइड), एसजीपीटी व एसजीओटी (लीवर), किडनी, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, इएसआर.
जांच के लिये गये पैसे का नहीं होता है उपयोग : रिम्स में पंजीयन कराने एवं जांच के मद में लिये गये पैसे का उपयोग नहीं होता है. यह पैसा रिम्स के खाते में पड़ा रहता है. रिम्स चाह कर भी पैसा खर्च नहीं कर सकता है. जानकारों की मानें, तो जांच के मद में करोड़ों रुपये पड़ा हुआ है. सूत्र बताते हैं कि रिम्स प्रबंधन ने एकत्रित पैसे का उपयोग डाॅक्टरों के एनपीए देने के मद में खर्च कर लिया था, तो सरकार को स्पष्टीकरण देना पड़ा था.
जांच के मद में जो पैसा आता है, उसका हम उपयोग भी नहीं कर पाते हैं. 499 रुपये तक की जांच का खर्च तो रिम्स वहन कर सकता है. इसका प्रस्ताव तैयार कर शासी परिषद की बैठक में रखा जायेगा. अनुमति मिली, तो तुरंत इसे लागू कर दिया जायेगा.
डॉ बीएल शेरवाल, निदेशक, रिम्स

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