श्री करात ने अक्तूबर क्रांति के कारणों की विस्तार से चर्चा की. इसके प्रभाव की भी जानकारी दी. श्री करात ने कहा कि अक्तूबर क्रांति से विश्व में नये युग की शुरुआत हुई. इससे पहले भी कई क्रांति हुई, लेकिन उसमें गरीब-मजदूरों की भागीदारी नहीं थी. यह क्रांति आम लोगों की थी, जो पूंजीवाद के खिलाफ हुई. आज नव उदार पूंजीवाद की बात होती है. इसके कारण असमानता फैली. एक फीसदी अमीर लोगों के पास दुनिया की तमाम संपत्ति है. नव उदारवादी नीति के कारण अमेरिका की स्थिति सबसे अधिक खराब हुई है.
हिंदुस्तान जैसे देश में समाजवाद ही भविष्य है. हमारा राजनीतिक कर्तव्य है कि हम इस दिशा में प्रयास करें. इससे पूर्व माकपा के राज्य सचिव गोपीकांत बख्शी ने कहा कि राज्य में जनवादी आंदोलनों पर हमले हो रहे हैं. सरकार जबरन जमीन अधिग्रहण करना चाहती है. इसके विरोध में 23 नवंबर को विपक्षी दलों का विधानसभा घेराव होगा. 30 नवंबर को वृंदा करात रांची में जमीन के मुद्दे पर बोलेगी. एक दिसंबर को दुमका में अधिकार रैली का आयोजन होगा. पांच को खूंटी में वृंदा करात की सभा होगी. कार्यक्रम का संचालन प्रकाश विप्लव तथा धन्यवाद ज्ञापन राजेंद्र सिंह मुंडा ने किया. इस मौके पर भाकपा के राज्य सचिव केडी सिंह भी मौजूद थे.