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रोड और नाली ही नहीं, स्वच्छता भी हो प्राथमिकता : मुख्यमंत्री

रांची: वर्ष 2017 में शहरों के स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी को लेकर यह कार्यक्रम अावास व शहरी विकास विभाग की ओर से आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि स्वच्छता संबंधी रैकिंग में हमारे राज्यों के शहरों का पिछड़ना चिंता की बात है. यह काम सिर्फ मेयर-डिप्टी मेयर से […]

रांची: वर्ष 2017 में शहरों के स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी को लेकर यह कार्यक्रम अावास व शहरी विकास विभाग की ओर से आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि स्वच्छता संबंधी रैकिंग में हमारे राज्यों के शहरों का पिछड़ना चिंता की बात है. यह काम सिर्फ मेयर-डिप्टी मेयर से संभव नहीं है. किसी भी योजना या कार्यक्रम से जनता को जोड़े बगैर इसे सफलता नहीं मिल सकती.

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर व राज्य को स्वच्छ व साफ रहना जरूरी है. बाहरी लोग, निवेशक तथा अन्य अतिथि शहरों को देख कर ही राज्य की छवि बनाते हैं. मुख्यमंत्री ने सभी घरों में शौचालय, शहरों में डस्टबिन की व्यवस्था तथा ठोस कचरा प्रबंधन पर जोर देते हुए अपने शहरों की बेहतर रैकिंग के लिए अच्छी तैयारी करने का सुझाव दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतों की तरह ही वह तथा उनके मंत्री व सरकारी पदाधिकारी वार्ड समिति के साथ भी बैठक शुरू करेंगे. इससे वार्ड में किये जाने वाले कार्यों की प्राथमिकता तय करने सहित जागरूकता का काम भी होगा.
घर-घर जाकर लोगों को कचरा प्रबंधन के बारे जागरूक करना होगा : नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि भारत सरकार सर्वेक्षण के आधार पर अंक देती है. मान लें कि हम सब विद्यार्थी हैं, तो परीक्षा से कुछ दिन पहले या परीक्षा के समय ही पढ़ने से कुछ नहीं होगा. बेहतर अंक के लिए साल भर की तैयारी चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं स्वच्छता के लिए रोज सुबह समय देने के लिए तैयार हूं. घर-घर जाकर लोगों को कचरा प्रबंधन के बारे जागरूक करना होगा. कई लोग कहते हैं कि डस्टबिन नहीं रहता है, कचरा कहां फेंके. उन्होंने कहा कि मैंने भी देखा है कि जहां कचरा कम होता है, वहां डस्टबीन है. पर जहांं अधिक कचरा अधिक होता है, वहां डस्टबिन नहीं है. कोई पूछे, तो मैं जगह भी बता सकता हूं.
स्वच्छता का प्रचार-प्रसार जरूरी : विभागीय सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि गत वर्ष प्रचार-प्रसार नहीं था. इससे पहले कुल 73 शहरों के सर्वेक्षण में धनबाद सबसे अंतिम (73वां) स्थान पर था. रांची भी 64वें या 65वें स्थान पर था. पर इस बार स्थिति बदलेगी. सचिव ने कहा कि खुले में शौच से मुक्ति व ठोस कचरा प्रबंधन सहित हर वार्ड में स्वच्छता का प्रचार-प्रसार जरूरी है. इसके लिए विभाग ने राज्य भर के लिए कुल 710 होर्डिंग तैयार किये हैं.
खुले में शौच से झारखंड भी हो मुक्त : इससे पहले केंद्र सरकार के नगर विकास मंत्रालय के उप सलाहकार डॉ रमाकांत सिंह ने कहा कि गुजरात व आंध्र प्रदेश ने खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया है. अब झारखंड को भी इसमें आगे आना चाहिए. बाद के तकनीकी सत्र में स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी, इसके तरीके व प्रक्रिया पर विशेषज्ञों के साथ चर्चा हुई. कार्यक्रम में रांची की मेयर अाशा लकड़ा, धनबाद के मेयर भोलू पासवान, शहरी विकास अभिकरण के निदेशक राजेश कुमार शर्मा तथा विभिन्न शहरों के सिटी मैनेजर व विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे.
कैसे होगा सर्वेक्षण
देश भर के शहरों का स्वच्छता के लिए चार जनवरी 2017 से सर्वेक्षण होना है. एक लाख से अधिक आबादी वाले कुल 500 शहर इस सर्वेक्षण में शामिल किये जायेंगे. कुल दो हजार अंको के आधार पर यह सर्वेक्षण होगा. 900 अंक शौचालय निर्माण व स्वच्छता के कार्य के लिए. 600 अंक जनता के फीडबैक के तथा 500 अंक थर्ड पार्टी मूल्यांकन के आधार पर निर्धारित होंगे. गत वर्ष मैसूर, चंडीगढ़ व त्रिचुरापल्ली शहर स्वच्छता के मामले में देश भर में क्रमश: पहले, दूसरे व तीसरे स्थान पर थे.

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