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आदिवासी समाज को विनाश से बचायें : डॉ उरांव
रांची : झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा ने अपील की है कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सभी राजनीतिक दल व विधायक आवाज उठायें. मोरचा के संयोजक डॉ करमा उरांव, दिनेश उरांव, शिवा कच्छप आदि ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आदिवासी-मूलवासी संगठनों के विरोध के कारण संशोधन अध्यादेश के खिलाफ सरकार को […]
रांची : झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा ने अपील की है कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सभी राजनीतिक दल व विधायक आवाज उठायें. मोरचा के संयोजक डॉ करमा उरांव, दिनेश उरांव, शिवा कच्छप आदि ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आदिवासी-मूलवासी संगठनों के विरोध के कारण संशोधन अध्यादेश के खिलाफ सरकार को मुंह की खानी पड़ी है. फिर भी सरकार मालिकाना हक की बात कह कर आगामी विधानसभा सत्र में इसे पारित कराना चाह रही है. डॉ करमा उरांव ने कहा कि भाजपा के विधायक अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें अौर आदिवासी समाज को विनाश से बचायें.
डॉ उरांव ने कहा कि ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास कॉरपोरेट घरानों अौर पूंजीपतियों के दबाव में यह काम कर रहे हैं. वे झारखंड के जनजातीय क्षेत्रों में खनिज, वन संपदा अौर जमीन को कॉरपोरेट घरानों के हवाले करना चाहते हैं.
शिवा कच्छप ने जमीन पर दखल दिहानी का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद भी आदिवासी समुदाय को दखल दिहानी नहीं दिलायी जा रही है. इसके खिलाफ 21 नवंबर को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष आदिवासी संघर्ष मोरचा की महानगर इकाई प्रदर्शन करेगी.
अजय तिर्की ने सरकार से अपील की है कि दखल दिहानी मामले में कार्रवाई करें अौर आदिवासी समुदाय को उसका हक दिलायें. मौके पर अजय कच्छप, निरंजना टोप्पो, रामचंद्र खेवट, बलकू उरांव, पवन तिर्की, कुंदरसी मुंडा, निर्मल पाहन आदि उपस्थित थे.
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