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जहां भी रहे, राजस्व वसूली में बढ़ोतरी की, कार्रवाई के लिए चर्चित रहे हैं एसडीओ जेएनके सिंह

रांची : बिजली विभाग के एसडीओ जेएनके सिंह चार नवंबर से जेल में बंद हैं. तीन नवंबर की रात पड़ोसी संजय कुमार सिंह से हुई मारपीट की घटना के बाद गोंदा थाना की पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. जेएनके सिंह जहां भी रहे, सरकारी राजस्व की वसूली में बढ़ोतरी […]

रांची : बिजली विभाग के एसडीओ जेएनके सिंह चार नवंबर से जेल में बंद हैं. तीन नवंबर की रात पड़ोसी संजय कुमार सिंह से हुई मारपीट की घटना के बाद गोंदा थाना की पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. जेएनके सिंह जहां भी रहे, सरकारी राजस्व की वसूली में बढ़ोतरी की. इस काम के लिए वह कई बार चर्चा में भी आये थे. वह कई प्रभावशाली लोगों के निशाने पर भी थे.

बिजली का अवैध कनेक्शन रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर पिछले 16 माह में दो बार उनका तबादला किया गया था. कभी पुलिसकर्मियों पर केस करने के लिए, तो कभी पूर्व मुख्यमंत्री व मंत्री के घर छापामारी करने के लिए चर्चा में बने रहें. विभाग व सरकार के लिए बेहतर काम करने और राजस्व वसूली में बढ़ोतरी करने को लेकर सात मार्च 2016 को आइएएस क्लब में आयोजित एक समारोह में सरकार ने उन्हें सम्मानित भी किया था. उन्होंने 4़ 5 करोड़ रुपये अधिक राजस्व की वसूली की थी.
54 पुलिसकर्मियों पर लगाया था जुर्माना : 25 जुलाई 2015 को एसडीओ जेएनके सिंह ने कांके रोड स्थित पुलिस लाइन व कोतवाली थाना के पास पुलिस क्वार्टरों में अवैध कनेक्शन जोड़ कर बिजली जलाने और बिल का भुगतान नहीं करने के आरोप में 54 पुलिसकर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज की थी. उन्होंने अवैध बिजली कनेक्शन लेने वाले पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों पर 10-10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया था. पुलिस लाइन के क्वार्टरों में वर्षों से रह रहे पुलिसकर्मियों के आवास में मीटर तो लगा हुआ था, लेकिन वे कई सालों से बिजली बिल का भुगतान नहीं कर रहे थे. पुलिस लाइन में हुई छापामारी के बाद उन्होंने 37 पुलिसकर्मियों के खिलाफ गोंदा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. उसी प्रकार कोतवाली थाना के बगल में स्थित 17 पुलिसकर्मियों के सरकारी अावास में छापामारी कर कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
लोहरदगा में भी की थी कार्रवाई : रांची में पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री व पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के बाद उनका तबादला लोहरदगा कर दिया गया था़ लोहरदगा में भी उन्होंने 60 पुलिसकर्मियों पर बिजली चोरी की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. उसके बाद वहां से उनका तबादला गुमला कर दिया गया था़ गुमला में उन्हें फील्ड से हटा कर बिजली विभाग के कार्यालय के काम में लगाया गया था़.
पूर्व सीएम, मंत्री व अफसरों के घर पर की थी छापामारी
एसडीओ जेएनके सिंह वर्ष 2015 में सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों और सीनियर अफसरों के निशाने पर आ गये थे. 25 जुलाई 2015 को उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, अर्जुन मुंडा, मंत्री लुइस मरांडी, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, लोकायुक्त व एसएसपी आवास में भी छापामारी की थी़ इस घटना के बाद उनका तबादला लोहरदगा जिला में कर दिया गया था.

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