रांची: राज्य के 243 स्थापना अनुमति प्राप्त हाइस्कूलों के शिक्षक व कर्मचारी सरकारी अनुदान से वंचित है. अनुदान नियमावली की सभी शर्तो को पूरा करनेवाले उक्त स्कूलों में लगभग 3,500 शिक्षक व कर्मचारी कार्यरत हैं.
ये शिक्षक बिना वेतन ही कार्य करते हैं. इसके अलावा अन्य सरकारी कार्यो में भी हाथ बंटाते हैं. इन शिक्षकों व कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गयी है.
इनके बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. इनका घर चलाना दूभर हो गया है. सरकार की दोहरी अनुदान नीति का खामियाजा इन शिक्षकों व शिक्षाकर्मियों को उठाना पड़ रहा है. इन स्कूलों को वर्ष 2008-2009 में सरकार द्वारा अधिकार सौंपे जाने के बाद झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) द्वारा स्थापना अनुमति प्रदान की गयी थी. सरकार द्वारा 298 स्थापना अनुमति प्राप्त हाइस्कूलों को ही अनुदान दिया जाता है. यह अनुदान वर्ष 2005 से दिया जा रहा है.
वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोरचा के नरोत्तम सिंह ने कहा कि जैक से स्थापना अनुमति मिलने के बाद हाइस्कूलों को अनुदान नहीं दिया जा रहा है. इन विद्यालयों को अनुदान देने की व्यवस्था करनी चाहिए.